JDU अध्यक्ष ललन सिंह बोले- सरकार बदलते ही नए संसद भवन में होगा दूसरा काम, भाजपा ने नीतीश को दी यह चुनौती
भाजपा बार-बार कह रही है कि बिहार विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया और उसमें राज्यपाल तक को नहीं बुलाया गया। इसी को लेकर ललन सिंह से सवाल पूछा गया था।
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक बवाल जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे। 19 विपक्षी दलों ने इसके बहिष्कार का ऐलान किया है। इसमें नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी शामिल है। इन सब के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अजीबो-गरीब बयान दिया है। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा है कि अगर 2024 में केंद्र की सरकार बदलती है तो नए संसद भवन का इस्तेमाल दूसरे कार्य के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद भवन के जरिए इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने जौर देते हुए कहा कि हम इतिहास बदलने के भागीदार नहीं बनेंगे।
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दरअसल, भाजपा बार-बार कह रही है कि बिहार विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया और उसमें राज्यपाल तक को नहीं बुलाया गया। इसी को लेकर ललन सिंह से सवाल पूछा गया था। ललन सिंह इस पर पूरी तरह से भड़क गए। वहीं, भाजपा ने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि नीतीश कुमार में हिम्मत हो तो घोषणा करें की नये संसद भवन में उनके सदस्य पाँव भी नहीं रखेंगे और इस्तीफ़ा दे देंगे। भाजपा के सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में राज्यपाल को क्यों नहीं बुलाया था जब असेंबली के नये भवन का उद्घाटन हुआ था? उन्होंने कहा कि नये संसद भवन के शुभारम्भ पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईर्ष्या-द्वेष की राजनीति करने वाले नीतीश कुमार बतायें कि 17 साल में उन्होंने कितने सरकारी भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन राज्यपाल से कराया?
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इससे पहले कांग्रेस समेत विपक्ष के 19 दलों ने बुधवार को कहा कि वे संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक बहिष्कार करेंगे क्योंकि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। उन्होंने एक संयुक्त बयान में यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और कई अन्य विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी किया है।
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