जदयू ने अनिल साहनी को कारण बताओ नोटिस भेजा

जदूय ने आज पार्टी सांसद अनिल साहनी को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिनके खिलाफ एलटीसी घोटाले में सीबीआई ने कथित फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार को लेकर आरोपपत्र दाखिल किया है। साहनी को अभियोजित करने के लिए राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी द्वारा अपनी मंजूरी दिए जाने के बाद जदयू ने यह कदम उठाया है। उनसे पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के समक्ष अपने आचरण का सप्ताह भर के अंदर ब्योरा देने को कहा गया है जो राज्यसभा में पार्टी के नेता हैं।
जदयू महासचिव केसी त्यागी ने साहनी को भेजे कारण बताओ नोटिस में कहा है, ‘‘एलटीसी मामले में एक आरोपपत्र दाखिल किया गया है। राज्यसभा सभापति से मामले में न्यायिक कार्यवाही के लिए इजाजत मिलने के बाद यह एक गंभीर चिंता बन गई है। यह बहुत स्पष्ट है कि वित्तीय अनियमितता में ऐसी संलिप्तता पार्टी की घोषित नीतियों के खिलाफ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आशा है कि आप राज्यसभा में जदयू नेता शरद यादव के समक्ष एक हफ्ते के अंदर अपना रूख स्पष्ट करेंगे। यदि आप ऐसा करने में नाकाम रहें तो पार्टी आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी।’’
साहनी ने शुक्रवार को आरोपों से इनकार किया था और इस्तीफा देने से मना कर दिया था। नीतीश कुमार की पार्टी से दूसरी बार राज्यसभा सदस्य बने साहनी ने शुक्रवार को पटना में कहा, यह मेरे खिलाफ एक साजिश है..मैं नैतिक आधार पर इस्तीफा क्यों दूं जब मैंने कुछ गलत नहीं किया।’’ अंसारी ने कुछ दिन पहले साहनी के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दी थी जिनके खिलाफ जांच एजेंसी ने एलटीसी घोटाले में कथित फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार को लेकर एक आरोपपत्र दाखिल किया था।
आमतौर पर यह पार्टी अध्यक्ष होते हैं जिनसे सांसदों को ऐसी परिस्थितियों में अपना आचरण स्पष्ट करने को कहा जाता है। हालांकि, पार्टी का कहना है कि शरद यादव को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा कर नीतीश कुमार का चयन करने का मतलब यह नहीं है कि शरद सेवानिवृत्त हो गए हैं और यादव पार्टी मामलों में एक अहम भूमिका निभाना जारी रखेंगे। सीबीआई ने एलटीसी मामले में साहनी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। राज्यसभा में साहनी का कार्यकाल अप्रैल 2018 को खत्म हो रहा है।
अन्य न्यूज़