S Jaishankar बोले- ग्लोबल साउथ को प्रभावित कर रहा यूक्रेन का मुद्दा, चीन को लेकर कही यह बात

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ANI
अंकित सिंह । Mar 2 2023 5:32PM

जी-20 की बैठक में संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं होने के संबंध में जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष से जुड़े मुद्दे भी रहे। यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत के संबंध में जयशंकर ने कहा कि अलग-अलग धारणाएं सामने आईं।

भारत जी-20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। जी-20 के विदेश मंत्रियों की दिल्ली में दो दिवसीय बैठक चल रही है। इन सबके बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ी बात कही है। एस जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन का मुद्दा ग्लोबल साउथ को प्रभावित कर रहा है। हमारा प्रयास है कि ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज सुनी जाए। उन्होंने कहा कि जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में अध्यक्षता सारांश और परिणाम दस्तावेज स्वीकार किये गये। उन्होंने कहा कि जी-20 का परिणाम दस्तावेज प्रमुख चुनौतियों से निपटने के जी-20 के संकल्प को प्रदर्शित करता है। बैठक में अनेक मुद्दों पर सहमति बनी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी-20 के संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं कर पाने के संबंध में कहा कि दो पैराग्राफ पर सहमति नहीं बन सकी।

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जी-20 की बैठक में संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं होने के संबंध में जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष से जुड़े मुद्दे भी रहे। यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत के संबंध में जयशंकर ने कहा कि अलग-अलग धारणाएं सामने आईं। उन्होंने कहा कि तेल की बढ़ती कीमतें, खाद्यान और उर्वरकों की बढ़ती कीमतें, उर्वरकों की उपलब्धता ग्लोबल साउथ के लिए गंभीर मुद्दे हैं। कुछ देश पहले से ही कर्ज़ से जूझ रहे हैं। इस बैठक में हमने ग्लोबल साउथ की चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत एक साल से बहुत दृढ़ता से कह रहा है कि अधिकांश वैश्विक दक्षिण के लिए यह एक बनाने या तोड़ने का मुद्दा है। 

विदेश मंत्री ने कहा कि जो देश पहले से ही कर्ज से जूझ रहे हैं और महामारी से प्रभावित हैं, उनके लिए रूस-यूक्रेन संकट के प्रभावों की दस्तक हानिकारक है। उन्होंने कहा कि यह मामला गहरी चिंता का विषय है, इसलिए हमने इन बैठकों का फोकस वैश्विक दक्षिण और कमजोर देशों पर रखा है। जयशंकर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था या बहुपक्षीय व्यवस्था के भविष्य के बारे में बात करना यथार्थवादी और विश्वसनीय नहीं है यदि आप वास्तव में उन लोगों के मुद्दों को संबोधित करने और उन पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम नहीं हैं जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है। 

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत यात्रा पर आये चीन के विदेश मंत्री किन गांग से बृहस्पतिवार को वार्ता की जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के हालात पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस पर उन्होंने कहा कि मैं चीनी विदेश मंत्री से मिला। हमारी बातचीत हमारे संबंधों की वर्तमान स्थिति के बारे में थी जिसे आप में से कई लोगों ने मुझे 'असामान्य' के रूप में वर्णित करते सुना, वे उन विशेषणों में से थे जिनका मैंने बैठक में उपयोग किया। उन्होंने कहा कि हमारे रिश्ते में वास्तविक समस्याएं हैं जिन्हें देखने और हमारे बीच बहुत खुलकर और स्पष्ट रूप से चर्चा करने की आवश्यकता है। बैठक का जोर हमारे द्विपक्षीय संबंधों और उसमें मौजूद चुनौतियों पर था, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन-चैन पर। 

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