जीएसटी एक जुलाई से लागू करने का प्रयास: जेटली

[email protected] । Mar 22 2017 12:56PM

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को एक जुलाई से लागू कर लिया जायेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को एक जुलाई से लागू कर लिया जायेगा। जीएसटी लागू होने से वस्तुयें और सेवायें सस्ती होंगी और कर चोरी मुश्किल होगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सात से आठ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल करना मुमकिन है और यदि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में स्थिति सुधरती है तो देश की आर्थिक वृद्धि दर इससे भी बेहतर हो सकती है।

जेटली ने कहा कि नोटबंदी से समानांतर अर्थव्यवस्था को हतोत्साहित किया जा सकेगा और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ने में मदद मिलेगी। इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार बढ़ेगा और यह अधिक साफ सुथरी होगी। जेटली ने यहां राष्ट्रकुल देशों के महालेखाकारों के 23वें सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘सबसे बड़ा कर सुधार जिसे हम एक जुलाई 2017 से लागू करने की कोशिश कर रहे हैं वह वस्तु एवं सेवाकर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे कराधान बढ़ेगा। जीएसटी लागू होने के बाद कर के ऊपर कर नहीं लगेगा और वस्तुएं, उपभोक्ता जिंस और सेवायें कुछ सस्ती और अधिक सुविधाजनक होंगी।’’

जेटली ने कहा कि कर विभाग आयकर विभाग को इतना मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है कि कर चोरी करना काफी मुश्किल हो जाये। उन्होंने कहा कि इसके बाद केवल सीमित संख्या में ही मामलों को जांच परख के लिये लिया जायेगा। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जीएसटी लागू करने के लिये जरूरी विधेयक इस समय संसद के समक्ष हैं और इनके पारित होने के बाद इस साल के मध्य तक हम इस पर अमल होने की उम्मीद कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में इस समय जो जटिल कर प्रणाली है वह दुनिया की सबसे सरल कर प्रणाली बन जायेगी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इसी सप्ताह जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इन विधेयकों को संसद के चालू बजट सत्र में पेश किया जायेगा। आर्थिक वृद्धि के बारे में जेटली ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा। ‘‘पिछले लगातार तीन सालों से हम सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहे हैं, आगे भी हम बने रहेंगे। मेरा मानना है कि भारत के लिये सात से आठ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल करना तार्किक रूप से पूरी तरह मुमकिन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि दुनिया के देशों में अच्छी वृद्धि होती है तो हम भी और तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।’’

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