अपने बयान का कमलनाथ ने किया बचाव, कहा- रोजगार समस्या अन्य राज्यों में भी
खबरों के अनुसार, कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सोमवार को भोपाल में कहा था कि मध्यप्रदेश में ऐसे उद्योगों को सरकारी छूट दी जायेगी जिनमें 70 प्रतिशत नौकरी मध्य प्रदेश के लोगों को दी जायेगी।
भोपाल। बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों के कारण मध्यप्रदेश में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिलने संबंधी अपने कथित बयान पर विवाद होने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को कहा कि वह कौन सी नई बात कर रहे हैं। गुजरात सहित अन्य प्रांतों में भी ऐसा है। मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली दफा प्रदेश के उच्च पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस मुख्यालय में एक बैठक के बाद एक सवाल के उत्तर में कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये सब जगह है। अन्य प्रांतों में भी है। मैं कौन सी नई बात कर रहा हूं। सब अन्य प्रातों में है, गुजरात में क्या है?’’
Kamal Nath, Madhya Pradesh CM on his remark on 'UP, Bihar migrants': Yeh sab jagah hai, anya states mein bhi hai. Maine kaunsi nayi baat kari? Local logon ko preference milni chahiye. pic.twitter.com/D87C2a0bDE
— ANI (@ANI) December 19, 2018
खबरों के अनुसार, कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सोमवार को भोपाल में कहा था कि मध्यप्रदेश में ऐसे उद्योगों को सरकारी छूट दी जायेगी जिनमें 70 प्रतिशत नौकरी मध्य प्रदेश के लोगों को दी जायेगी। उन्होंने कथित तौर पर आगे कहा था कि बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्य प्रदेश में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है। कमलनाथ के इस कथित बयान की भाजपा, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल :यू: और समाजवादी पार्टी ने आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वह इससे अवगत नहीं है और इस बारे में चर्चा करने के बाद जवाब देंगे। गांधी ने इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इससे अवगत नहीं हूं। इस पर चर्चा करूंगा और फिर आपको जवाब दूंगा।’’
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राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल में सरकारी बंगला आवंटित करने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि सांसद के लिये आवास आवंटित करने के नियमों के तहत उन्हे आवास दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान को भी उन्होंने सरकारी आवास आवंटित किया है। मध्यप्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा करेगें। पहले भी इस पर बात चली है। ताजा हालत में भविष्य को देखकर इस बारे में तय करेगें। उन्होने कहा कि प्रदेश में पुलिस का बजट बढ़ाने की जरुरत है। अन्य प्रदेशों की तुलना में हमारी पुलिस फोर्स कम है और पुलिस का बजट भी कम है। पूरे देश के आंकड़े देखें तो हम अन्य प्रदेशों से आगे न जायें तो कम से कम उनके समान तो हो ही जायें।
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