कश्मीर के गणित शिक्षक ने दिखाया इंजीनियरिंग का कमाल, बनाई सौर ऊर्जा से चलने वाली लग्जरी कार
मीर बिलाल अहमद ने दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक कार बनाने की बात सोची लेकिन वित्तीय समस्या के कारण उनका यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका। इसके बाद उन्होंने साल 2009 में सौर ऊर्जा से चलने वाली लग्जरी कार बनाने का काम शुरू किया जोकि अब जाकर पूरा हुआ है।
श्रीनगर। बदले हुए परिदृश्य में कश्मीरी युवा आज ज्ञान-विज्ञान और खेलों की दुनिया में अपना नाम रौशन कर रहे हैं। आज हम आपको मिलवाएंगे पेशे से इंजीनियर मीर बिलाल अहमद से। मीर बिलाल अहमद ने 13 साल की कड़ी मेहनत से सौर ऊर्जा से चलने वाली लग्जरी कार बनाई है। यह कार बड़ी-बड़ी कार कंपनियों के वाहनों को टक्कर दे सकती है। हम आपको बता दें कि मीर बिलाल अहमद वर्तमान में गणित के शिक्षक हैं लेकिन उनकी नस-नस में बसी इंजीनियरिंग उन्हें कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रही थी जिससे कम ईंधन लागत वाली कार बनाई जा सके।
इसके लिए सबसे पहले मीर बिलाल अहमद ने दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक कार बनाने की बात सोची लेकिन वित्तीय समस्या के कारण उनका यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका। इसके बाद उन्होंने साल 2009 में सौर ऊर्जा से चलने वाली लग्जरी कार बनाने का काम शुरू किया जोकि अब जाकर पूरा हुआ है। खास बात यह है कि यह परियोजना पूरी करने के लिए बिलाल को कहीं से कोई मदद नहीं मिली और खुद के 15 लाख रुपए खर्च करके उन्होंने अत्याधुनिक कार बनाई है। प्रभासाक्षी संवाददाता ने श्रीनगर में जब मीर बिलाल अहमद से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि यदि मुझे समय पर सहायता मिली होती तो आज मैं भारत का एलन मस्क होता।
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मीर बिलाल अहमद ने प्रभासाक्षी से बातचीत में कहा कि सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है और इसलिए उन्होंने यह परियोजना आगे बढ़ाई। उन्होंने बतााया कि उनके द्वारा बनाई गयी कार पूरी तरह से स्वचालित है। मीर बिलाल ने कहा कि वह 1950 से बनी विभिन्न शानदार कारों को देखते और उनका अध्ययन करते रहे जिससे यह प्रोजेक्ट पूरा करने में आसानी हुई।
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