'कुत्ते-बिल्लियों की मौत नहीं मरना चाहते, हमें बंदूकें दे दो, अपनी रक्षा खुद कर लेंगे'- राहुल भट्ट की हत्या के बाद सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कश्मीरी पंडित

Kashmiri Pandits
ani
रेनू तिवारी । May 13 2022 1:10PM

जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में एक कश्मीरी पंडित की आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद, कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्य विरोध करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर उतर आए है।

मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में स्थित एक सरकारी कार्यालय में घुसकर लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी। जिस कश्मीरी पंडित की हत्या की गयी उसका नाम राहुल भट (35) था और वह चादूरा के तहसील कार्यालय में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के रोजगार के लिए दिए गए विशेष पैकेज के तहत तैनात थे। बंदूक की नौंक पर आतंकी जबरन घुसे और उन्हें राहुल पर गोलिया चला दी। गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। अधकारियों ने बताया कि शाम करीब चार बजकर 30 मिनट पर लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी तहसील कार्यालय में दाखिल हुए और भट को गोली मार दी। उस समय कार्यालय कर्मचारियों से भरा हुआ था। उन्होंने कहा कि भट बडगाम के शेखपुरा स्थित प्रवासी कॉलोनी में रहते थे और आठ साल से सरकारी सेवा में थे। उनके परिवार में पत्नी, पांच साल बेटी और माता-पिता हैं।

राहुल भट्ट की मौत के खिलाफ सड़को पर उतरे कश्मीरी पंडित

जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में एक कश्मीरी पंडित की आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद, कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्य विरोध करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर उतर आए है। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार शाम वेसु गांव के पास श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। विरोध के एक वीडियो में लोगों को 'हमें न्याय चाहिए' के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। समुदाय ने अनंतनाग जिले के मट्टन ट्रांजिट कैंप और बडगाम के चदूरा में भी विरोध प्रदर्शन किया, जहां यह घटना हुई थी।

कूत्ते बिल्लियों की मौत हम नहीं मरना चाहते, प्रदर्शनकारियों का फूटा गुस्सा

कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों, जो घाटी में सेवा कर रहे हैं, ने भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि वह अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। शुक्रवार सुबह 10 बजे उपराज्यपाल के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों ने सरकार से गुहार लगाई है कि हमारी केवल एक मांग है - या तो हमें सुरक्षा प्रदान करें या फिर हमें बंदूक और उसका लाइसेंस दें या हमें जम्मू स्थानांतरित करें। कोई अन्य मांग नहीं। हम कुत्तों और बिल्लियों की तरह नहीं मर सकते, हम इंसान हैं #SaveKashmiriPanditsandminorities," एक संदेश प्रसारित किया जा रहा है।

कश्मीर में आतंकी कर रहे हैं टारगेटिंग किलिंग

इस घटना की विभिन्न कर्मचारी संगठनों और राजनीतिक दलों ने निंदा की है। राहुल भट बडगाम के शेखपुरा स्थित प्रवासी कॉलोनी में रहते थे और आठ साल से सरकारी सेवा में थे। उनके परिवार में पत्नी, पांच साल बेटी और माता-पिता हैं। उनके पिता पुलिस अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हैं। भट गत सात महीने में दूसरे कश्मीरी पंडित हैं जिनकी हत्या आतंकवादियों द्वारा की गई है। इससे पहले प्रमुख दवा कारोबारी माखन लाल बिंदरु की छह अक्टूबर 2021 को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अगस्त 2019 से लेकर मार्च 2022 के बीच जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों सहित कुल 14 अल्पसंख्यक हिंदुओं की हत्या आतंकवादियों द्वारा की गई है। आतंकवादियों द्वारा जिन लोगों को निशाना बनाया गया है उनमें कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के प्रमुख कारोबारी, सरपंच और ब्लॉक विकास परिषद के सदस्य शामिल हैं। गौरतलब है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद से कश्मीर में गैर मुस्लिमों और बाहर से आए लोगों पर हमले बढ़े हैं। भट की हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पीटीआई-से कहा, ‘‘यह दुखद घटना है लेकिन मैं आश्वस्त करता हूं कि हमने हत्यारों की पहचान कर ली है। इनमें से एक श्रीनगर में पूर्व में हुई हत्या में भी शामिल था जबकि दूसरा आतंकी नया भर्ती है।’’ कम ज्ञात संगठन कश्मीर टाइगर्स ने भट की हत्या की जिम्मेदारी ली है लेकिल पुलिस प्रमुख का कहना है कि इसके पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। 

भट की हत्या की खबर फैलते ही शेखपुरा कॉलोनी में रह रहे प्रवासी कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन किया। कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार कॉलोनी पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की।दक्षिण कश्मीर के मट्टल और वेसू में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने भी हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दिया और लक्षित हत्याओं को रोक पाने में कथित नाकामी को लेकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि आतंकवादी लतीफ अहमद और नया भर्ती अकिब शेर गोजरी हत्या के मामले में प्रमुख संदिग्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है और मुझे भरोसा है कि जल्द ही हम उन्हें पकड़ लेंगे।’’ 

भट की मौत पर राजनीति जगत के नेताओं ने भी जताया शौक

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों ने भट की हत्या की निंदा की है। सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं बडगाम में आतंकवादियों द्वारा की गई राहुल भट की क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करता हूं। जो इस जघन्य आतंकवादी हमले के पीछे हैं उन्हें दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाएगा। जम्मू-कश्मीर सरकार दुख के समय में दिवंगत के परिवार के साथ एकजुट होकर खड़ी है।’’ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने ट्वीट किया, ‘‘ हम राहुल भट जी की हत्या की साफ शब्दों में निंदा करते हैं जो बडगाम में राजस्व विभाग के कर्मचारी थे। घाटी के हर कोने में सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद सरकारी कर्मचारी भी सुरक्षित नहीं है। दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं।’’ पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘‘एक और जान चली गई तथा एक परिवार बर्बाद हुआ। मेरी संवेदना दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ है। इससे पता चलता है कि कश्मीर में सामान्य हालात के दावे गलत हैं।’’ माकपा नेता मोहम्म्द युसूफ तारिगामी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘‘ऐसी क्रूर हत्याएं समाज के लिए नुकसानदेह हैं और किसी भी परिस्थिति में इन्हें न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।’’ नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ हम स्पष्ट शब्दों में राहुल भट पर हुए प्राणघातक आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं। राहुल सरकारी कर्मचारी थे जो चादूरा के तहसील कार्यालय में कार्यरत थे जहां पर हमला हुआ। लक्षित हमले जारी हैं और भय का महौल कायम है। मैं हृदय से राहुल के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’ भाजपा के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने आतंकवादियों द्वारा की गई इस हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘हमलावरों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।’’ कांग्रेस ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को समझ लेना चाहिए कि अमानवीय कृत्य कर वे कुछ हासिल नहीं कर सकते। सज्जाद लोन नीत पीपुल्स कान्फ्रेंस ने भी घटना की निंदा की।

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