केन्द्र ने केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश से जुड़ा सांसद कोटा खत्म किया, संशोधित दिशानिर्देश जारी

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ANI Twitter.

नए दिशानिर्देशों के अनुसार, देश में कहीं भी स्थित केन्द्रीय विद्यालयों में 60 दाखिलों का उपयोग विशेष रूप से अपने माता-पिता के साथ विदेश से लौटने वाले बच्चों के लिए वर्तमान या पिछले वर्षों में उनके माता-पिता की पदस्थापना के बाद किया जा सकता है, और उन्हें प्रवेश देने पर 30 नवंबर तक विचार किया जाएगा।

नयी दिल्ली| केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा जारी संशोधित प्रवेश दिशानिर्देशों के अनुसार केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए विवेकाधीन संसद सदस्य कोटा खत्म कर दिया है। यह कदम केन्द्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा समीक्षा के बाद देशभर के विभिन्न केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सांसद कोटा सहित सभी विवेकाधीन कोटा पर रोक लगाए जाने के हफ्तों बाद आया है।

सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि कोविड-19 के कारण अनाथ बच्चों के मामले में ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम’ के तहत केन्द्रीय विद्यालयोंमें कक्षा की क्षमता के अतिरिक्त प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा। प्रवेश जिलाधिकारी द्वारा दी गई सूची के आधार पर किया जाएगा, जो प्रति केन्द्रीय विद्यालय में 10 बच्चों से संबंधित होगी।

2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश जून तक चल रहा है। विशेष प्रावधानों के तहत, सांसदों के पास एक केंद्रीय विद्यालय में 10 बच्चों के प्रवेश की सिफारिश करने की विवेकाधीन शक्ति थी। यहां तक ​​कि किसी जिलाधिकारी के पास केन्द्रीय विद्यालयों में प्रायोजक प्राधिकरण कोटे के तहत 17 छात्रों की सिफारिश करने का अधिकार था।

सांसद कोटे के अलावा, केवीएस ने शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के 100 बच्चों, सांसदों और केन्द्रीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बच्चों और आश्रित पोते-पोतियों, तथा स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के विवेकाधीन कोटा सहित अन्य कोटे को भी हटा दिया है।

जिन विशेष प्रावधानों को बरकरार रखा गया है उनमें परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र प्राप्त करने वालों के बच्चों के प्रवेश के साथ ही राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वालों, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारियों के 15बच्चों और ऐसे बच्चों का दाखिला शामिल है जिन्होंने ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाई है। केन्द्र सरकार ने पिछले साल 2021-22 शैक्षणिक सत्र से प्रवेश के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री के विवेकाधीन कोटा को खत्म कर दिया था। देश में 1,200 से अधिक केन्द्रीय विद्यालय हैं जिनमें 14.35 लाख से अधिक छात्र पढ़ते हैं।

नए दिशानिर्देशों के अनुसार, देश में कहीं भी स्थित केन्द्रीय विद्यालयों में 60 दाखिलों का उपयोग विशेष रूप से अपने माता-पिता के साथ विदेश से लौटने वाले बच्चों के लिए वर्तमान या पिछले वर्षों में उनके माता-पिता की पदस्थापना के बाद किया जा सकता है, और उन्हें प्रवेश देने पर 30 नवंबर तक विचार किया जाएगा।

दिशानिर्देशों में कहा गया है, ये सभी प्रवेश इस शर्त के अधीन होंगे कि एक वर्ष में एक स्कूल में पांच से अधिक बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा और बच्चे विदेश के उस स्कूल का स्थानांतरण प्रमाण पत्र जमा करेंगे, जहां वे केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश मांगने से पहले पढ़ रहे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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