केरलः धार्मिक स्थानों पर बहुत तेज आवाज वाले पटाखों पर प्रतिबंध

[email protected] । Apr 12 2016 5:57PM

केरल उच्च न्यायालय ने कोल्लम मंदिर हादसे की पृष्ठभूमि में समूचे राज्य के धार्मिक स्थानों पर सूर्यास्त के बाद बहुत तेज आवाज वाले पटाखों के इस्तेमाल और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया है।

कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने कोल्लम के मंदिर हादसे की पृष्ठभूमि में समूचे राज्य के धार्मिक स्थानों पर सूर्यास्त के बाद बहुत तेज आवाज वाले पटाखों के इस्तेमाल और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंदिर में हुए हादसे में 110 लोगों की मौत हो गयी थी। अदालत ने राज्य सरकार से इस पर गौर करने को कहा कि क्या रविवार को परावुर पुत्तिंगल देवी मंदिर में आतिशबाजी के दौरान हुए हादसे के मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है?

प्रतिबंध लगाने के लिए एक न्यायाधीश के पत्र को जनहित याचिका मानते हुए न्यायमूर्ति थोट्टातिल बी. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अनु शिवरामन की पीठ ने सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज करने वाले पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि पीठ ने कहा कि दिन के समय चलाए जाने वाले पटाखों की आवाज भी निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। न्यायाधीशों ने कहा कि त्यौहारों के दौरान रात में रौशनी और रंगों वाली बिना आवाज वाली आतिशबाजी की अनुमति दी जा सकती है। अदालत ने ऐसे हादसों को टालने के लिए पुलिस और अन्य प्राधिकारों से विस्फोटक कानून के प्रावधानों और नियमों पर अमल करने को कहा।

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