नियुक्ति विवाद में केरल के उद्योग मंत्री का इस्तीफा

[email protected] । Oct 14 2016 5:09PM

एलडीएफ सरकार को बने महज पांच महीने हुए हैं लेकिन उसे एक बड़े संकट ने घेर लिया है और उद्योग मंत्री ईपी जयराजन ने नियुक्ति विवाद के मद्देनजर आज मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।

तिरुवनंतपुरम। केरल में माकपा नीत एलडीएफ सरकार को बने महज पांच महीने हुए हैं लेकिन उसे एक बड़े संकट ने घेर लिया है और उद्योग मंत्री ईपी जयराजन ने नियुक्ति विवाद के मद्देनजर आज मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले माकपा की राज्य सचिवालय की बैठक में जयराजन को यह फैसला लेने की अनुमति दे दी गयी। बैठक से निकलते हुए जयराजन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब आप लोग खुश हैं ना?’’

प्रदेश पार्टी सचिव कोडियरी बालकृष्णन ने कहा कि जयराजन ‘‘पार्टी की छवि को बनाये रखने के लिए और पिछली कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार के विपरीत एक अच्छी मिसाल पेश करने के लिए’’ अपना इस्तीफा देने की अनुमति चाहते थे। कन्नूर के प्रभावशाली नेता और कैबिनेट में नंबर दो माने जाने वाले जयराजन ने सचिवालय के समक्ष स्वीकार किया कि उन्होंने उद्योग विभाग में एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में एक करीबी रिश्तेदार की नियुक्ति करके ‘गलती’ की है और उन्होंने इस संबंध में इस्तीफे की अनुमति मांगी।

मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के करीबी समझे जाने वाले जयराजन अपने भतीजे और कन्नूर की सांसद पीके श्रीमती के बेटे पीके सुधीर नांबियार की नियुक्ति केरल इंडस्ट्रियल एंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में किये जाने को लेकर विवादों में घिरे थे। बाद में सरकार ने नांबियार की नियुक्ति को रद्द कर दिया। जयराजन के भाई की पुत्रवधू दीप्ति निषाद की नियुक्ति भी विवादों में घिर गयीं। उन्होंने भी दो दिन पहले इस्तीफा दे दिया था। जयराजन उत्तरी कन्नूर के मत्तानूर से चुनाव जीते थे। वह 1991 से 96 तक विधानसभा के सदस्य रहे। 2011 से एक बार फिर वह विधायक रहे।

क्या माकपा जयराजन के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी, इस प्रश्न पर कोडियरी ने कहा कि वह पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य हैं और केंद्रीय नेतृत्व ही पार्टी की कार्रवाई के बारे में फैसला करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘माकपा किसी भी अवैध नियुक्ति के खिलाफ है। हालांकि पार्टी ऐसा नहीं सोचती कि किसी नेता का रिश्तेदार होना सरकारी सेवा में कोई पद हासिल करने के लिहाज से अयोग्यता है।’’

उन्होंने कहा कि जयराजन के मामले में यह फैसला मुद्दे की गंभीरता के चलते लिया गया। कोडियरी ने कांग्रेस नीत यूडीएफ और केंद्र की भाजपा नीत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि विवादों में उनके मंत्री भी घिरे रहे हैं लेकिन किसी ने इस्तीफा नहीं दिया।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने दो दिन पहले संकेत दिया था कि कार्रवाई की जाएगी। इस बीच सतर्कता और भ्रष्टाचार-निरोधक ब्यूरो ने आज यहां एक विशेष अदालत को सूचित किया कि जयराजन के खिलाफ नियुक्ति विवाद के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गयी है।

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