Kheri Seat: अजय मिश्र टेनी के सहारे भाजपा बचा पाएगी अपना गढ़ या होगा सपा-बसपा का कब्जा?

Ajay Mishra Teni
ANI
अंकित सिंह । May 11 2024 3:12PM

खीरी लोक सभा सीट की बात करें अब तक सबसे ज्यादा नौ बार यहां कांग्रेस की जीत हुई है। वही चार बार भाजपा, तीन बार समाजवादी पार्टी और एक-एक बार जनता पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का इस सीट पर कब्जा हुआ है। इसके तहत आने वाली छह विधानसभा सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है।

खीरी संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में वोट डाले जाएंगे। खीरी सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों की तारीख 4 जून है। खीरी संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। अजय कुमार खीरी के मौजूदा सांसद हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में खीरी सीट पर बीजेपी के अजय कुमार ने 609589 वोट हासिल कर जीत हासिल की, जबकि एसपी की डॉ पूर्वी वर्मा के पक्ष में 390782 वोट पड़े। अजय कुमार ने 218807 वोटों के अंतर से शानदार जीत हासिल की।

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खीरी लोक सभा सीट की बात करें अब तक सबसे ज्यादा नौ बार यहां कांग्रेस की जीत हुई है। वही चार बार भाजपा, तीन बार समाजवादी पार्टी और एक-एक बार जनता पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का इस सीट पर कब्जा हुआ है। इसके तहत आने वाली छह विधानसभा सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है। भाजपा ने पहली बार इस सीट पर 1991 में जीत हासिल की थी। 1996 में भी पार्टी को जीत मिली थी। इसके बाद पार्टी को सीधे 2014 में जीत मिली जब अजय मिश्र टेनी भाजपा के उम्मीदवार थे। 2019 में भी टेनी ने इस सीट पर भाजपा के टिकट से जीत हासिल करने में कामयाब हुए और इसी बदौलत वह केंद्र में मंत्री भी बने। भाजपा ने एक बार फिर से इस सीट पर टेनी पर ही भरोसा जताया है। 

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हालांकि किसान आंदोलन के दौरान तिकुनिया कांड को लेकर अजय मिश्रा काफी सुर्खियों में आ गए थे। समाजवादी पार्टी ने यहां उत्कर्ष वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां सिख समाज और दलित वोट बैंक काफी मायने रखते हैं। यही कारण है कि बसपा की ओर से सिख समाज से आने वाले अंशय कालरा को टिकट दिया गया है। ऐसे में यहां चुनावी लड़ाई दिलचस्प होती दिखाई दे रही है। इस सीट पर ब्राह्मण और कुर्मी वोटो का बाहुल्य है। मुस्लिम मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में है जबकि सिख समाज से आने वाले लोग यहां एक लाख के आसपास है। 

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