दशकों पुराने माकपा कार्यकर्ता की हत्या मामले में फंसते नजर आ रहे सुधाकरन, पीड़ित के परिजनों ने की कार्रवाई की मांग

sudhakaran in CPM murder

दशकों पहले हुए मुख्यमंत्री और केरल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के बीच सार्वजनिक विवाद का मामला है। विवाद में माकपा कार्यकर्ता नलपाडी वासु की हत्या की जांच की मांग दोहराते हुए उनके भाई नलपाडी राजन ने कहा कि वह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के सुधाकरन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे।

केरल कांग्रेस अध्यक्ष सुधाकरन को लेकर राज्य में राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है और उनकी मुश्किलें भी बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। दरअसल सुधाकरन पर साल 1993 में हुए राजनीतिक दंगों में एक माकपा कार्यकर्ता की हत्या का आरोप लगा है। सुधाकरन ने खुद अपने एक बयान में कहा था कि साल 1993 में हुए राजनीतिक दंगों में एक निर्दोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब यहां इस राजनीतिक हिंसा के दो पीड़ितों के रिश्तेदारों ने अलग-अलग हत्याओं की जांच की मांग की है। आपको बता दें यह दशकों पहले हुए मुख्यमंत्री और केरल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के बीच सार्वजनिक विवाद का मामला है। विवाद में माकपा कार्यकर्ता नलपाडी वासु की हत्या की जांच की मांग दोहराते हुए उनके भाई नलपाडी राजन ने कहा कि वह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के सुधाकरन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे। 

वासु के भाई ने सुधाकरन पर लगाया बयान से पलटने का आरोप

आपको बता दें कि वासु की 4 मार्च 1993 को हत्या कर दी गई थी। नलपाडी राजन ने कहा कि “सुधाकरन के बयान से इस बात का खुलासा हुआ था कि राजनीतिक दंगो में एक निर्दोष व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने पहले कहा था कि माकपा कार्यकर्ता नलप्पडी वासु पर हमला करने के बाद उन्हें गोली मार दी गई थी। अब वह कह रहे हैं कि जब उन्होंने गोली चलाई तो नलपाडी वासु पेड़ के नीचे खड़ा था।  वासु की हत्या के कुछ ही मिनटों बाद, सुधाकरन ने मट्टनूर शहर में एक जनसभा में कहा कि एक व्यक्ति को मार गिराया गया है। राजन ने मीडिया को बताया कि पूर्व गृह मंत्री तिरुवनचूर राधाकृष्णन ने सुधाकरन के प्रभाव में आगे की जांच की मांग वाले उनके ज्ञापन को खारिज कर दिया था। राजन ने केरल कांग्रेस कमेटी पर हिंसा का आरोप लगाते हुए कहा कि मत्तनूर के पुलियांगोडु में उस वक्त वासु की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब सुधाकरन, सशस्त्र गुंडों के साथ जिले में प्रचार कर रहे थे। घटना के बाद, उन्होंने पुलिस को धोखा दिया, और अपने समर्थकों के साथ एक अलग रास्ते से मत्तनूर पहुंचे। 

सेवरी होटल में भी हमले का लगा आरोप

राजन ने कहा कि सुधाकरन और उनके समर्थकों ने यह दिखाने के लिए अपनी कार के शीशे भी तोड़ लिए कि उन पर हमला किया गया था। राजन ने कहा, "सुधाकरन भले ही तकनीकी आधार पर बरी हो गए हों, लेकिन वह अभी भी जनता के सामने दोषी हैं।" इसी बीच, के नानू जो सेवरी होटल पर एक हमले में मारे गए थे की पत्नी ए भार्गवी ने घटना की आगे की जांच और सुधाकरन को आरोपी के रूप में पेश करने की मांग की। केरल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने शनिवार को एक एक प्रेस कॉफ्रेंस में कहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गलती से नानू की हत्या कर दी थी।

आपको बता दें कि 13 जून 1992 को नानू की हत्या के समय सुधाकरन कन्नूर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे।

ताजा आरोपों से चितिंत नहीं सुधाकरन

भार्गवी ने आगे कहा कि के सुधाकरन का बयान उनका कबूलनामा था। मैं कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लूंगी और आगे की कार्रवाई पर फैसला करूंगी। हालांकि मैंने (कांग्रेस के पूर्व स्थानीय नेता) प्रशांत बाबू के बयान के आधार पर आगे की जांच के लिए कहा था, लेकिन कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई थी।  वहीं सुधाकरन ने कहा कि वह नलप्पडी वासु और सेवरी होटल के कर्मचारी नानू की हत्याओं को लेकर उनके खिलाफ ताजा शिकायतों से चिंतित नहीं हैं। आपको बता दें कि हाल ही में सुधाकरन पर राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भी अपने बच्चों को किडनैप करने का आरोप लगाया था। हालांकि सुधाकरन ने आरोपों का खंडन कर दिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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