Kumar Vishwas Birthday : पढ़ाई के दौरान ही विश्वास कुमार शर्मा से बन गए थे कुमार विश्वास, पिता की इच्छा के खिलाफ जाकर चुना साहित्य

Kumar Vishwas
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Prabhasakshi News Desk । Feb 10 2025 10:24AM

कुमार विश्वास का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के पिलखुवा कस्बे में आज ही दिन 10 फ़रवरी,1970 को हुआ था। विश्वास शुरू से ही साहित्य से लगाव रखने वालों में रहें है। इसी कारण उन्होंने पढाई के दौरान ही अपनी काव्यात्मक पहचान बनाए रखने के लिए अपना नाम विश्वास कुमार शर्मा से बदलकर कुमार विश्वास रख लिया था।

कुमार विश्वास देश के जाने माने कवि में शुमार हैं। पहले वे आम आदमी पार्टी में थे और उन्होंने तब 2014 का लोकसभा का चुनाव राहुल गाँधी के खिलाफ लड़ा था पर वह हार गए। विश्वास को जल्द ही समझ में आ गया कि एक साहित्यिक व्यक्ति के लिए राजनीतिक दलदल में फंसे रहना संभव नहीं है। परिणाम वह हुआ कि उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली और अपने कवि के क्षेत्र में ही करियर पर ध्यान देने लगे। आज के दौर में कुमार विश्वास की गिनती देश के सबसे महंगे कवियों में होती है। उनकी लिखी हुई कई किताबें प्रकाशित हो चुकी है। आये दिन देश विदेश में उनके शो होते रहते है और इस तरह वह एक व्यस्त कवि के रूप में जाने जाते है।

कुमार विश्वास का जन्म और परिवार

कुमार विश्वास का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के पिलखुवा कस्बे में आज ही दिन 10 फ़रवरी,1970 को हुआ था। विश्वास एक मध्यम परिवार से आते है। वेस शुरू से ही साहित्य से लगाव रखने वालों में रहें है। इसी कारण उन्होंने पढाई के दौरान ही अपनी काव्यात्मक पहचान बनाए रखने के लिए अपना नाम विश्वास कुमार शर्मा से बदलकर कुमार विश्वास रख लिया था। तब वह पीएचडी की पढ़ाई कर रहे थे। कुमार विश्वास के पिता का नाम चंद्र पाल शर्मा है जो पिलखुवा में आरएसएस डिग्री कॉलेज में लेक्चरर थे। उनकी माता का नाम रमा शर्मा है। उनके चार भाई और एक बहन है। कुमार विश्वास का विवाह मंजू शर्मा से हुआ है, जिनसे उनकी दो बेटियाँ हैं। उनकी दोनों बेटियों ने विदेशों में पढाई की है।

विश्वास की पढ़ाई-लिखाई

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लाला गंगा सहाय स्कूल, गाजियाबाद से पूरी की थी। बाद में कुमार विश्वास ने राजपुताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज से पढाई की। आगे की पढाई के लिए विश्वास ने मोतीलाल नेहरू क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। ऐसा उन्होंने अपने पिता की इच्छा के लिए किया क्योंकि पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर इंजीनियर बने पर बाद में विश्वास का कवि हृदय जाग गया और उन्होंने हिंदी साहित्य में पढाई की और इसी से पीएचडी की। इसी अवधि में उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया जिस नाम से आज उनकी पहचान होती है।

शुरुआती जीवन

कवि कुमार विश्वास का शुरुआती जीवन अध्ययन में बीता। उनके घर में कोई सदस्य बड़े स्तर पर विख्यात नहीं था जो उनका हाथ पकड़कर उन्हें रास्ता दिखा सके। इसलिए उन्होंने साहित्य को ही करियर बना लिया। इसकी शुरुआत उन्होंने 1994 में राजस्थान के पीलीबंगा स्थित इंद्रा गांधी पीजी कॉलेज में लेक्चरर बनने के साथ किया और लाला लाजपत राय कॉलेज में हिंदी साहित्य भी पढ़ाया। कुमार विश्वास इसी के साथ हिंदी के प्रोफेसर बन गए पर आगे चलकर वह शिक्षा क्षेत्र से हटकर कविता पाठ को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया।

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और राजनीति

साल 2005 से ही वे अरविंद केजरीवाल को जानते हैं। कुमार विश्वास अन्ना हजारे के नेतृत्व में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन में शामिल हुए। वे 2012 में भारतीय राजनीतिक संगठन आम आदमी पार्टी (आप) के स्वयंसेवक बन गए। वे संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य भी थे। उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव अमेठी से AAP के उम्मीदवार के रूप में लड़ा था, लेकिन वे तत्कालीन राहुल गांधी से हार गए और उन्हें केवल 25000 वोट मिले थे।

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