Assam ने मिजोरम में कोई अतिक्रमण नहीं किया: Lalchamliana

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ललचमलियाना ने कहा कि मिजोरम ने असम के हाथों कोई जमीन नहीं गंवाई है, बल्कि 1933 की अधिसूचना के अनुसार असम में आने वाले कुछ क्षेत्रों पर मिजोरम का कब्जा है। मंत्री ने कहा कि मिजोरम-असम की सीमा पर खेती करने वाले किसी किसान को अभी तक कोई समस्या नहीं हुई है।

मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने सोमवार को राज्य विधान सभा में कहा कि असम ने राज्य की किसी जमीन का अतिक्रमण नहीं किया है। ललचमलियाना ने कहा कि मिजोरम ने असम के हाथों कोई जमीन नहीं गंवाई है, बल्कि 1933 की अधिसूचना के अनुसार असम में आने वाले कुछ क्षेत्रों पर मिजोरम का कब्जा है। मंत्री ने कहा कि मिजोरम-असम की सीमा पर खेती करने वाले किसी किसान को अभी तक कोई समस्या नहीं हुई है।

लालचमलियाना ने विपक्षी कांग्रेस नेता जोदिंतलुआंगा राल्ते के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘असम ने मिजोरम के किसी क्षेत्र पर अतिक्रमण या कब्जा नहीं किया। वास्तव में, मिजोरम के कब्जे वाले कुछ क्षेत्र नौ मार्च, 1933 को जारी अधिसूचना के अनुसार अब असम के अंतर्गत आते हैं। इस अधिसूचना को पड़ोसी राज्य (असम) अपनी संवैधानिक सीमा के रूप में स्वीकार करता है।’’ उन्होंने कहा कि अगस्त 1875 में ‘बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन’ (बीईएफआर) के तहत अधिसूचित आंतरिक सीमा रेखा आरक्षित वन पर कब्जा करने के लिए मिजोरम कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि मिजोरम 1875 की अधिसूचना को अपनी वास्तविक सीमा मानता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच 1875 और 1933 के दो औपनिवेशिक सीमांकन से उपजा सीमा संबंधी विवाद दशकों से बना हुआ है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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