वंचित तबकों के अधिकार छीनने की योजना का हिस्सा है ‘लैटरल एंट्री’: कांग्रेस

Nitin Raut
प्रतिरूप फोटो

कांग्रेस केअनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख नितिन राउत ने कहा, ‘‘हम नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से व्यवस्थागत नियंत्रण करने और कमजोर वर्गों के लोगों से अवसर एवं अधिकार छीनने के कदम की निंदा करते हैं। हम लैटरल एंट्री से भर्ती के पूरी तरह खिलाफ हैं।’’ राउत ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि मोदी सरकार इस फैसले को वापस ले।’’

नयी दिल्ली| कांग्रेस ने निजी क्षेत्र से 31 लोगों को केंद्र सरकार के कई विभागों में ‘लैटरल एंट्री’ के जरिये महत्वपूर्ण पद दिये जाने को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस फैसले को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।

पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख नितिन राउत ने आरोप लगाया कि यह कदम भाजपा और आरएसएस के उस मंसूबे का हिस्सा है, जिसके तहत वे वंचित तबकों के अधिकार छीनना चाहते हैं और भेदभाव को बढ़ावा देना चाहते हैं।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस नेताओं को संप्रग शासन के दौरान सीमा मुद्दे पर एंटनी का बयान याद करना चाहिए: रीजीजू

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हम नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से व्यवस्थागत नियंत्रण करने और कमजोर वर्गों के लोगों से अवसर एवं अधिकार छीनने के कदम की निंदा करते हैं। हम लैटरल एंट्री से भर्ती के पूरी तरह खिलाफ हैं।’’ राउत ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि मोदी सरकार इस फैसले को वापस ले।’’

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इन 31 लोगों की भर्ती कोई इकलौता मामला नहीं है। इसे लोगों के अधिकार छीनने की तरकीब के तौर पर देखा जाना चाहिए। गत आठ अक्टूबर को केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के 31 लोगों को समूह ए की सेवा में नियुक्त किया। इनमें से तीन लोगों को संयुक्त सचिव, 19 लोगों को निदेशक और नौ को उप सचिव बनाया गया है।

इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश : कांग्रेस ने खाद की कमी और कालाबाजारी का आरोप लगाया

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़