केंद्र सरकार को संविधान दिवस मनाते देखकर हंसी आ रही है: महबूबा मुफ्ती

Mehbooba Mufti

भारत सरकार को ‘संविधान दिवस’ मनाते देखकर हंसी आ रही है क्योंकि उन्होंने पहले ही संविधान को हटाकर भाजपा के विभाजनकारी एजेंडा को लागू कर दिया। सीएए, एनआरसी या लव जिहाद जैसा कानून तैयार करना भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों का अपमान है और यह हिटलर के शासन को भी शर्मसार कर देगा।

श्रीनगर। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने संविधान दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को यह दिवस मनाते देखकर हंसी आ रही है क्योंकि संविधान को पहले ही ‘‘भाजपा के विभाजनकारी एजेंडा’ से बदल दिया गया। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून या ‘‘लव जिहाद कानून’’ संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों का ‘‘अपमान’’ है। वर्ष 1949 में आज ही के दिन संविधान अंगीकृत करने के उपलक्ष्य में देश में बृहस्पतिवार को संविधान दिवस मनाया गया। महबूबा ने कहा, ‘‘भारत सरकार को ‘संविधान दिवस’ मनाते देखकर हंसी आ रही है क्योंकि उन्होंने पहले ही संविधान को हटाकर भाजपा के विभाजनकारी एजेंडा को लागू कर दिया। सीएए, एनआरसी या लव जिहाद जैसा कानून तैयार करना भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों का अपमान है और यह हिटलर के शासन को भी शर्मसार कर देगा।’’ एक अन्य ट्वीट में पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सीबीआई, एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियां कश्मीरी नेताओं को ‘‘प्रताड़ित’’ कर रही है और जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों में भागीदारी के लिए उन्हें ‘‘परेशान’’ किया जा रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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