LDF ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला घोषित किया, माकपा 15 और भाकपा चार सीट पर लड़ेगी

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वामपंथियों की भारतीय संसद में मजबूत उपस्थिति होनी चाहिए। फिलहाल भारतीय राजनीति के सामने आने वाली सभी समस्याओं का मूल कारण वामपंथी राजनीति के प्रभाव की कमी है।

केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने शनिवार को कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) राज्य में लोकसभा की 15 सीट पर जबकि उसकी प्रमुख सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) चार सीट पर चुनाव लड़ेगी।

इस बीच, एलडीएफ ने कोट्टायम सीट अपने सहयोगी केरल कांग्रेस (मणि) (केसी (एम) को देने का फैसला किया है। एलडीएफ के संयोजक ईपी जयराजन ने मोर्चा की बैठक के बाद मीडिया को इस बारे में जानकारी दी।

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए जयराजन ने कहा कि देश में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए संसद में वाम दलों की उपस्थिति को मजबूत करने की जरूरत है।

जयराजन ने कहा, देश में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और संघवाद के खिलाफ हमलों से लड़ने के लिए वामपंथियों की भारतीय संसद में मजबूत उपस्थिति होनी चाहिए। फिलहाल भारतीय राजनीति के सामने आने वाली सभी समस्याओं का मूल कारण वामपंथी राजनीति के प्रभाव की कमी है।

उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में माकपा ने 16 सीट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए कोट्टायम सीट केसी (एम) को दी गई है।

वरिष्ठ वामपंथी नेता ने कहा कि एलडीएफ राज्यमें लोगों को संसदीय चुनावों का राजनीतिक महत्व समझाएगा और केरल की सभी सीट जीतने के लिए संघर्ष करेगा। उन्होंने कहा कि चूंकि सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे का फैसला हो चुका है, इसलिए पार्टियां अब चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे सकती हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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