लोकसभा में बोफोर्स मामले पर हंगामा, सच्चाई सामने लाने की मांग

Lok Sabha members demand re-opening of investigation of alleged Bofors guns scam
[email protected] । Jul 24 2017 5:29PM

लोकसभा में आज बोफोर्स मामले में एक निजी चैनल की रिपोर्ट पर भारी हंगामा हुआ और भाजपा ने इस मामले की सच्चाई सामने लाने और इस पर आगे पहल किये जाने की मांग की।

लोकसभा में आज बोफोर्स मामले में एक निजी चैनल की रिपोर्ट पर भारी हंगामा हुआ और भाजपा ने इस मामले की सच्चाई सामने लाने और इस पर आगे पहल किये जाने की मांग की। कांग्रेस सदस्यों को इसका विरोध करते देखा गया और कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने आसन के समीप आकर नारेबाजी की और कागज फाड़कर आसन की ओर उछाले। शून्यकाल के दौरान भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि आज बोफोर्स का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। एक निजी टीवी चैनल ने इस बारे में एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें स्वीडन के पीएम के साथ लेनदेन की बात कही गई है। ऐसे में पूरे देश के समक्ष बोफोर्स मामले की जानकारी सामने आनी चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार का पूरा मामला देश के समक्ष आ जाए।

उल्लेखलीय है कि बोफोर्स मामले में पिछले सप्ताह एक निजी चैनल ने बोफोर्स तोप घोटाले में स्वीडन के पूर्व चीफ इन्वैस्टीगेटर स्टेन लिंडस्टॉर्म की बातचीत के वीडियो टेप जारी किए थे। इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर तोपों के सौदे में दलाली के आरोप लगाए गए थे। हालांकि बोफोर्स तोप दलाली मामले में सीबीआई जांच की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली उच्च न्यायालय उन्हें क्लीन चिट दे चुका है। इस दौरान कांग्रेस सदस्य आसन के समीप नारेबाजी करते रहे और पार्टी के कुछ सदस्यों ने कागज फाड़कर आसन की ओर भी उछाले। इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं।

इस दौरान अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मैं चाहूंगी कि पूरा हिन्दुस्तान देख ले। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। देश भी देख ले कि ये कितनी अनुशासनहीनता कर सकते हैं। शून्यकाल के दौरान ही भाजपा के निशिकांत दुबे ने बोफोर्स मुद्दे को उठाते हुए कहा कि साल 1992 में आरोपत्र दायर किये गए। इसके बाद एक और आरोपपत्र दायर हुआ। साल 2005 में उच्च न्यायालय का एक आदेश आया और आरोपपत्र को निरस्त कर दिया गया। इसके बाद तत्कालीन संप्रग सरकार के समय सीबीआई ने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया। उन्होंने कहा कि अब जबकि एक निजी चैनल की रिपोर्ट में यह मामला एक बार फिर सामने आया है, इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री और अन्य लोगों के नाम जुड़े हैं, तब सीबीआई को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। बहरहाल, कांग्रेस सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा और कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने कई बार कागज फाड़कर आसन की ओर उछाले। व्यवस्था बनता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही करीब 12 बजकर 45 मिनट पर भोजनावकाश तक के लिये स्थगित कर दी।

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