वेल्लोर में लोकसभा चुनाव धनबल के इस्तेमाल के चलते रद्द
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तिरुचिरापल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है। मोदी ने कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर विभाग और चुनाव आयोग का दुरुपयोग करके चुनावों को बर्बाद करने की योजना बनाई है।’’
नयी दिल्ली/चेन्नई। वेल्लोर लोकसभा सीट के लिए होने वाला चुनाव मंगलवार को रद्द कर दिया गया जहां कुछ दिन पहले द्रमुक के एक उम्मीदवार के ठिकाने से कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि चुनाव आयोग इस बात से पूरी तरह संतुष्ट है कि वेल्लोर में मौजूदा चुनावी प्रक्रिया का कुछ उम्मीदवारों की गैरकानूनी गतिविधियों की वजह से उल्लंघन हुआ है। संभवत: पहली बार धन के इस्तेमाल की वजह से किसी लोकसभा चुनाव को रद्द किया गया है। इससे पहले अप्रैल 2017 में तमिलनाडु की आर के नगर विधानसभा का उपचुनाव भारी मात्रा में नकदी जब्त होने के बाद रद्द किया गया था। चुनाव रद्द करने के फैसले पर द्रमुक ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनाव आयोग के माध्यम से हमारी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश है।
Election Commission: Accepting the recommendation of EC dated 14th April 2019, President has rescinded the election to Vellore parliamentary constituency, Tamil Nadu. pic.twitter.com/iyqw9uTkcV
— ANI (@ANI) April 16, 2019
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तिरुचिरापल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है। मोदी ने कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर विभाग और चुनाव आयोग का दुरुपयोग करके चुनावों को बर्बाद करने की योजना बनाई है।’’ द्रमुक कोषाध्यक्ष दुरईमुरुगन ने कहा कि चुनाव रद्द करना लोकतंत्र की हत्या है। दुरईमुरुगन के बेटे कठीर आनंद वेल्लोर से द्रमुक उम्मीदवार हैं। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने मांग की है कि चुनाव रद्द करने के बजाय आनंद को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया जाए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की ओर से सोमवार को की गई सिफारिश के आधार पर सीट पर चुनाव के लिए अधिसूचना रद्द कर दी। वेल्लोर में मतदान आगामी 18 अप्रैल को होना था। चुनाव आयोग ने यह निर्णय आरोपी के. आनंद के साथ ही पार्टी के दो पदाधिकारियों के खिलाफ आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के आधार पर 10 अप्रैल को जिला पुलिस द्वारा एक शिकायत दर्ज करने के बाद लिया।
इसे भी पढ़ें: कांग्रेस ले रही भारत-विरोधी, सेना-विरोधी बयानों का सहारा: जीतेंद्र सिंह
पुलिस ने बताया कि आनंद पर अपने नामांकन पत्र के साथ दिये गए हलफनामे में ‘‘गलत सूचना’’ देने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के तहत आरोप लगाया गया। दो अन्य के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया जिनकी पहचान श्रीनिवासन और दामोदरन के तौर पर हुई है। सिफारिश विधि मंत्रालय के विधायी विभाग को मंगलवार को भेजी गई थी जिसने अधिसूचना जारी की। सरकार के सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है। वह अब राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अधिसूचना के बारे में सूचित करेंगे। 30 मार्च को आयकर अधिकारियों ने आनंद के पिता डी मुरुगन के आवास पर चुनाव प्रचार में बेहिसाब धनराशि इस्तेमाल के संदेह में छापे मारे थे और 10.50 लाख रुपये कथित ‘‘अतिरिक्त’’ नकदी बरामद की थी। दो दिन बाद उन्होंने उसी जिले में द्रमुक नेता के एक सहयोगी के सीमेंट गोदाम से 11.53 करोड़ रुपये जब्त करने का दावा किया था। मुरुगन ने यद्यपि दावा किया कि उन्होंने कुछ भी छुपाया नहीं है। उन्होंने आयकर विभाग की कार्रवाई के समय पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि छापेमारी कुछ नेताओं का ‘‘षड्यंत्र’’ है जो उनका मुकाबला चुनावी मैदान में नहीं कर सकते।
अन्य न्यूज़