Madhya Pradesh: 52 साल बाद मोहन सरकार ने बदला नियम, सीएम और मंत्री अब खुद भरेंगे इनकम टैक्स
मोहन यादव ने कहा कि विभिन्न सुरक्षा बलों में शहीदों के जीवनसाथी को 1 करोड़ रुपये मिलते हैं। हमने किसी भी पारिवारिक समस्या से बचने के लिए उस राशि को प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में 50% शहीद की पत्नी और 50% राशि माता-पिता को दी जाएगी।
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को फैसला किया कि राज्य सरकार को इस तरह का बोझ उठाने के बजाय राज्य के मंत्रियों को अपना आयकर देना होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बयान में कहा कि कैबिनेट ने 1972 के उस नियम को खत्म करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत राज्य सरकार मंत्रियों के वेतन और भत्तों पर आयकर का भुगतान कर रही थी। कैबिनेट बैठक पर मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा कि आज कई ऐसे फैसले लिए गए जिनका राज्य में दूरगामी असर होगा। सभी मंत्री अपने इनकम टैक्स का खर्च उठाएंगे। राज्य यह खर्च नहीं उठाएगा।
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मोहन यादव ने कहा कि विभिन्न सुरक्षा बलों में शहीदों के जीवनसाथी को 1 करोड़ रुपये मिलते हैं। हमने किसी भी पारिवारिक समस्या से बचने के लिए उस राशि को प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में 50% शहीद की पत्नी और 50% राशि माता-पिता को दी जाएगी। राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि मंत्री अपना आयकर खुद भरें।
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इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में आयोजित बैठक में अधिकारियों के साथ औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। यादव ने अधिकारियों को उद्योगों के विकास के लिए समेकित योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सिर्फ मेट्रो ट्रेन द्वारा ही नहीं, आने वाले समय में वंदे मेट्रो, रोप-वे, इलेक्ट्रिक बस एवं केबल कार जैसे साधनों से और आवागमन अधिक सुगम होगा।
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