उत्तराखंड कांग्रेस में विधायकों की नाराजगी, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान
माहरा, आर्य ने संकट टालने के लिए असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों से बात की।माहरा ने कहा था कि विधायक अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, ‘‘विधायक अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेह हैं। यह किसी भी पार्टी के विधायक पर लागू होता है।
देहरादून।कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई में हाल में हुई नियुक्तियों पर पार्टी के कुछ विधायकों की नाराजगी की खबरों के बीच बृहस्पतिवार को नवनियुक्त प्रदेश पार्टी अध्यक्ष करण माहरा और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने संकट को टालने के लिए उनसे व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की। माहरा और आर्य दोनों ने नाराज विधायकों से अपील की है कि अगर उन्हें कोई शिकायत है तो उसे पार्टी मंच पर उठाएं और ऐसा कुछ भी न करें जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े।
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इससे पहले, माहरा ने कहा था कि विधायक अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, ‘‘विधायक अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेह हैं। यह किसी भी पार्टी के विधायक पर लागू होता है। एक पार्टी के चिह्न पर चुनाव जीतना और विधायक बनने के बाद किसी दूसरी पार्टी में चले जाना, यह मतदाताओं का अपमान और जनादेश के विरूद्ध जाना है।’’ माहरा ने हालांकि, पार्टी विधायकों में किसी प्रकार के असंतोष से इंकार किया था। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि वह अब उनसे व्यक्तिगत तौर पर संपर्क साध रहे हैं और उन्हें पार्टी से किसी प्रकार के टकराव वाले रास्ते से दूर रहने को कह रहे हैं। चर्चा है कि ये विधायक पार्टी से नाता तोड़कर अलग पार्टी बना सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस महासचिव मथुरा दत्त जोशी ने कहा, ‘‘प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने सभी विधायकों से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क किया है और उनकी बात सुनी है। उनकी शिकायतों को दूर किया गया है और कहीं कोई नहीं जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश विधायक दल की बैठक द्वारा अधिकृत किए जाने के बाद ही पार्टी हाईकमान ने संगठनात्मक बदलाव किया है और इसलिए विधायकों को इससे कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अगर उन्हें कोई शिकायत हैं तो वे उसे उचित मंच पर उठा सकते हैं। वहीं, धारचूला से विधायक हरीश धामी ने जहां अपनी अनदेखी किए जाने और नियुक्तियों में पात्रता (मेरिट) नहीं देखे जाने के खुलकर आरोप लगाए हैं वहीं चकराता से विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट, लोहाघाट विधायक खुशाल सिंह अधिकारी और भगवानपुर की विधायक ममता राकेश भी तवज्जो न मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं। रविवार को पार्टी हाईकमान ने माहरा के अलावा चुनाव से पहले भाजपा छोडकर कांग्रेस में लौटे यशपाल आर्य को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा में पटखनी देकर पहली बार विधायक बने भुवन चंद्र कापडी को विधानसभा में उपनेता नियुक्त किया है।
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