सामाजिक बहिष्कार को अपराध घोषित करने वाला पहला राज्य बना महाराष्ट्र

Maharashtra first state to have law against social boycott
[email protected] । Jul 14 2017 10:53AM

महाराष्ट्र में अब पंचायतों द्वारा सामाजिक बहिष्कार करने के फरमान को दंडनीय अपराध बनाया गया है और ऐसे मामलों में दोषी को सात साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है।

मुंबई। महाराष्ट्र में अब पंचायतों द्वारा सामाजिक बहिष्कार करने के फरमान को दंडनीय अपराध बनाया गया है और ऐसे मामलों में दोषी को सात साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। इस तरह का कानून बनाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महाराष्ट्र सामाजिक बहिष्कार रोकथाम अधिनियम, 2015 को पिछले महीने मंजूरी दी और इसे तीन जुलाई को राज्य के राजपत्र में प्रकाशित किया गया। कानून के तहत सामाजिक बहिष्कार का फरमान जारी करने वाले जाति और समुदाय परिषद जैसे अर्द्धन्यायिक इकाइयों के सदस्यों को सात साल तक की कैद या पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। राज्य विधानसभा ने 13 अप्रैल, 2016 को विधेयक को पारित किया था और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा था।

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