ममता बनर्जी का दावा, भाजपा के लिये काल बनेगी तृणमूल की विशाल रैली
तृणमूल को उम्मीद है कि इस रैली से ममता ऐसे नेता के तौर कर उभरकर सामने आयेंगी जो ‘‘अन्य दलों को साथ लेकर’’ चल सकती हैं और आम चुनावों के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती दे सकती हैं।
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की निगाहें इस वक्त दिल्ली पर हैं और पार्टी शनिवार को कोलकाता में होने वाली ‘‘संयुक्त विपक्षी रैली’’ के लिये तैयार है। तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह रैली लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिये ‘‘मृत्यु-नाद’’ की मुनादी होगी। भगवा पार्टी के ‘‘कुशासन’’ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का संकल्प जताने के लिये कोलकाता के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड मैदान में शनिवार को होने वाली इस रैली में 20 से अधिक विपक्षी दलों के शिरकत करने की संभावना है।
Road to 2019 polls: Host of opposition leaders set to attend TMC-led rally in Kolkata
— ANI Digital (@ani_digital) January 18, 2019
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तृणमूल को उम्मीद है कि इस रैली से ममता ऐसे नेता के तौर कर उभरकर सामने आयेंगी जो ‘‘अन्य दलों को साथ लेकर’’ चल सकती हैं और आम चुनावों के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती दे सकती हैं। विशाल विपक्षी रैली का आयोजन बनर्जी की सोच का नतीजा है। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा था कि लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां निर्णायक कारक साबित होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के कुशासन के खिलाफ यह ‘‘संयुक्त भारत रैली’’ होगी। यह भाजपा के लिये मृत्युनाद की मुनादी होगी... आम चुनाव में भगवा पार्टी 125 से अधिक सीटें नहीं जीत पायेगी। राज्य की पार्टियों द्वारा जीती गयी सीटों की संख्या भाजपा की तुलना में अधिक होगी।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘संघीय पार्टियां यानी क्षेत्रीय पार्टियां चुनावों के बाद निर्णायक कारक साबित होंगी।’’ विशाल रैली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एच डी कुमारस्वामी, एन. चंद्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के एम के स्टालिन के अलावा भाजपा के असंतुष्ट सांसद शत्रुघ्न सिन्हा शामिल होने वाले हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी रैली में हिस्सा लेंगे।
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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अजित सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी तृणमूल प्रमुख के साथ मंच साझा करते दिखेंगे। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जेगांग अपांग भी इस रैली में शामिल होंगे। जेगांग ने मंगलवार को ही भाजपा छोड़ा। हालांकि इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और बसपा प्रमुख मायावती नजर नहीं आयेंगी।
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