Manipur के मुख्यमंत्री ने बिष्णुपुर जिले में सुरक्षाबलों पर हमले की निंदा की

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मतदाताओं पर दबाव डाले जाने के कांग्रेस नेता जयराम रमेश के आरोपों को खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग सोशल मीडिया पोस्ट नहीं, बल्कि पर्यवेक्षक रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करता है।

 मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बिष्णुपुर जिले में सुरक्षाबलों पर हुए उग्रवादी हमले की शनिवार को निंदा की और अपराधियों को अविलंब पकड़ने का संकल्प लिया।

इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो कर्मियों की जान चली गयी। सिंह ने ‘पीटीआई-वीडियो’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि अपराधियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है और उन्हें इंसाफ के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।

मोइरांग पुलिस थाना क्षेत्र के नारानसेना में तड़के उग्रवादियों ने आईआरबीएन (भारतीय आरक्षित वाहिनी) शिविर पर हमला किया जिसमें सीआरपीएफ के दो जवानों की जान चली गयी तथा दो अन्य घायल हो गये।

इस हिंसा प्रभावित राज्य में हाल में शांति बहाल होने का दावा करते हुए सिंह ने लोकसभा चुनाव के सफलतापूर्वक होने का जिक्र किया और कहा कि यह लोगों में बढ़ते विश्वास का संकेत है।

हालांकि उन्होंने राज्य के लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाये जाने की घटना पर दुख जताया। सिंह ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे सैनिकों एवं सीआरपीएफ एवं असम राइफल्स के कर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है। वे हमारे लोगों की रक्षा के लिए यहां हैं।’’

मतदाताओं पर दबाव डाले जाने के कांग्रेस नेता जयराम रमेश के आरोपों को खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग सोशल मीडिया पोस्ट नहीं, बल्कि पर्यवेक्षक रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करता है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने बड़े उत्साह से चुनाव में हिस्सा लिया। केवल 11 मतदान केंद्रों पर ही पुनर्मतदान कराना पड़ा।’’

रमेश ने 26 अप्रैल को ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया था कि ‘आउटर मणिपुर’ के उखरूल जिले में मतदाताओं को कांग्रेस के बजाय भाजपा के सहयोगी ‘नगा पीपुल्स फ्रंट’ का समर्थन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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