लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सबसे ज्यादा 20 सवाल पूछे गए, स्पीकर ने दी बधाई
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सदन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रश्नकाल (1972 के बाद) के दौरान संसद सदस्यों और सरकार के मंत्रियों को बीस प्रश्न पूरे करने के लिए बधाई दी। उन्होंने सदन की इस सफलता पर सदस्यों और मंत्रियों के सक्रिय सहयोग के लिए उनको धन्यवाद दिया। इस सन्दर्भ में यह उल्लेखनीय है कि 5वीं लोक सभा (1972) के चौथे सत्र से तारांकित प्रश्नों, जिनके मौखिक उत्तर दिए जाते है, की सूची में प्रश्नों की संख्या को 20 पर सीमित कर दिया गया था। तब से यह पहला ऐसा मौका है कि आज सभी 20 प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। इससे पूर्व, 5वीं लोक सभा (1972) के चौथे सत्र से आज तक, एक दिन में सबसे अधिक 14 प्रश्नों का मौखिक उत्तर 14 मार्च 1972 को दिया गया था। इसे भी पढ़ें: दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव के विलय वाला विधेयक लोकसभा से पारित सन्दर्भ हेतु, एक प्रश्नकाल में मौखिक रूप से पूछे गए प्रश्नों की अधिकतम संख्या 45 है, जो की 15 मार्च 1955 को पहली लोकसभा के 9 वें सत्र के दौरान हुआ था। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि तारांकित प्रश्न सूची 25 जनवरी 1963 को तीसरी लोकसभा के तीसरे सत्र के दौरान प्रति प्रश्न काल, 30 प्रश्नों तक सीमित किया गया था। इससे पहले तारांकित प्रश्न सूची के प्रतिबंधित होने के बाद एक दिन में अधिकतम प्रश्नों की संख्या 21 थी, जो की 13 सितंबर 1963 को तीसरी लोकसभा के 5 वें सत्र के दौरान हुआ था।
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सदन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रश्नकाल (1972 के बाद) के दौरान संसद सदस्यों और सरकार के मंत्रियों को बीस प्रश्न पूरे करने के लिए बधाई दी। उन्होंने सदन की इस सफलता पर सदस्यों और मंत्रियों के सक्रिय सहयोग के लिए उनको धन्यवाद दिया। इस सन्दर्भ में यह उल्लेखनीय है कि 5वीं लोक सभा (1972) के चौथे सत्र से तारांकित प्रश्नों, जिनके मौखिक उत्तर दिए जाते है, की सूची में प्रश्नों की संख्या को 20 पर सीमित कर दिया गया था। तब से यह पहला ऐसा मौका है कि आज सभी 20 प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। इससे पूर्व, 5वीं लोक सभा (1972) के चौथे सत्र से आज तक, एक दिन में सबसे अधिक 14 प्रश्नों का मौखिक उत्तर 14 मार्च 1972 को दिया गया था।
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सन्दर्भ हेतु, एक प्रश्नकाल में मौखिक रूप से पूछे गए प्रश्नों की अधिकतम संख्या 45 है, जो की 15 मार्च 1955 को पहली लोकसभा के 9 वें सत्र के दौरान हुआ था। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि तारांकित प्रश्न सूची 25 जनवरी 1963 को तीसरी लोकसभा के तीसरे सत्र के दौरान प्रति प्रश्न काल, 30 प्रश्नों तक सीमित किया गया था। इससे पहले तारांकित प्रश्न सूची के प्रतिबंधित होने के बाद एक दिन में अधिकतम प्रश्नों की संख्या 21 थी, जो की 13 सितंबर 1963 को तीसरी लोकसभा के 5 वें सत्र के दौरान हुआ था।
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