Mayawati ने फिर चला पुराना दांव, 'जाट लैंड' को लेकर किया बड़ा वादा, घोषणापत्र को लेकर भी ऐलान
लोकसभा चुनाव 2024 एक सप्ताह से भी कम समय में शुरू होने वाला है। मतदान के लिए सात चरणों में से पहला चरण 19 अप्रैल, 2024 को शुरू होगा। विभिन्न राजनीतिक दल बेहद सक्रिय हैं और पिछले कुछ महीनों से वोटों के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने पश्चिमी यूपी को राज्य का दर्जा देने और केंद्र में सत्ता में आने पर क्षेत्र में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक पीठ स्थापित करने की बड़ी घोषणा की। मुजफ्फरनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, बसपा प्रमुख ने लंबे समय से लंबित 'हरित प्रदेश' मुद्दे को एक बार फिर उठाया। गौरतलब है कि यह डॉ. अंबेडकर ही थे जिन्होंने बेहतर शासन के लिए यूपी को तीन अलग-अलग राज्यों - पश्चिमी, मध्य और पूर्वी - में विभाजित करने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सपा सत्ता में थी तो पश्चिमी यूपी में भाईचारा और सौहार्द दफन हो गया था, जबकि बसपा शासन में पश्चिमी यूपी में कभी भी सांप्रदायिक हिंसा नहीं देखी गई।
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लोकसभा चुनाव 2024 एक सप्ताह से भी कम समय में शुरू होने वाला है। मतदान के लिए सात चरणों में से पहला चरण 19 अप्रैल, 2024 को शुरू होगा। विभिन्न राजनीतिक दल बेहद सक्रिय हैं और पिछले कुछ महीनों से वोटों के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची और अपना घोषणापत्र भी जारी कर रहे हैं। जहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है, वहीं एक पार्टी ऐसी भी है जिसने आगामी चुनावों के लिए कोई भी घोषणापत्र जारी करने से इनकार कर दिया है। यह राजनीतिक दल है बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जो आम चुनाव में अकेले उतरेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने इसकी वजह का भी ऐलान कर दिया है यानी सफाई भी दे दी है कि वह पार्टी की ओर से घोषणा पत्र क्यों नहीं जारी करेंगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के लोगों को हमारे प्रतिद्वंद्वियों के लुभावने घोषणापत्र से विचलित नहीं होना चाहिए... हमारी पार्टी ने किसी भी चुनाव में कोई घोषणापत्र जारी नहीं किया. हम केवल शब्दों के बजाय कार्यों में विश्वास करते हैं। मायावती ने आरोप लगाया, भाजपा का सबसे ज्यादा समय अमीर कारोबारियों को और अमीर बनाने और उन्हें हर स्तर पर बचाने में बीता है। भाजपा और दूसरी पार्टियां इन्हीं कारोबारों के सहारे अपना संगठन चलाती हैं और चुनाव लड़ती हैं, जिसका खुलासा चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों से हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पिछड़े समुदाय के लोगों के लिए आरक्षित खाली सीटों पर लोगों की भर्ती नहीं करने और पदोन्नति में आरक्षण को निरर्थक बनाने के लिए विपक्षी दलों पर हमला बोला।
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मायावती ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में केंद्र और ज्यादातर राज्यों में भाजपा सरकार होने से मुसलमानों की प्रगति काफी हद तक रुक गई है। यहां धर्म के नाम पर हिंसा भी बढ़ी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा शासन में सामान्य वर्ग को भी कोई लाभ नहीं मिला है। उन्होंने अपने समर्थकों को सचेत किया कि वे भाजपा के पक्ष में मीडिया द्वारा किये जा रहे प्रचार और अन्य राजनीतिक दलों द्वारा जारी किये गये झूठे वादों वाले घोषणापत्रों के प्रलोभन में न आयें। मायावती ने गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि सच्चा विकास तभी हो सकता है जब लोगों को रोजगार दिया जाए। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बसपा के प्रजापति का मुकाबला भाजपा के संजीव कुमार बालियान और सपा के हरेंद्र सिंह मलिक से है।
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