मेरठ सरधना विधानसभा,यहां के वोटरों का मिजाज बदलता रहता है

44,मेरठ सरधना विधानसभा
राजीव शर्मा । Jan 14 2022 10:33AM

सरधना विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। यहां 2012 और 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की। इस सीट पर किसी एक दल का दबदबा नहीं रहा। यहां के वोटरों का मिजाज बदलता रहता है।

सरधना विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। यहां 2012 और 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की। इस सीट पर किसी एक दल का दबदबा नहीं रहा। यहां के वोटरों का मिजाज बदलता रहता है। 

सरधना का इतिहास काफी पुराना है। महाभारत काल में कौरवों ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। मेरठ से सरधना में ऐतिहासिक चर्च भी है। यह विधानसभा क्षेत्र मुजफ्फरनगर लोकसभा का हिस्सा है। सरधना विधानसभा क्षेत्र में दो ब्लॉक हैं। एक सरधना व दूसरा दौराला। तीन नगर पंचायत दौराला, लावड़ व फलावदा। एक नगर पालिका सरधना आती है। विधानसभा क्षेत्र में कुल 135 गांव हैं, जिनके वोटर क्षेत्र का विधायक चुनते हैं। ये सीट हमेशा से चर्चाओं में रही है। 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सरधना काफी सुर्खियों में रहा था। सरधना से भाजपा विधायक ठाकुर संगीत सोम दंगे के आरोपी बनाए गए थे। उन्हें जेल जाना पड़ा था।

2022 के आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर 3 लाख 57 हजार 36 मतदाता हैं। जिनमें से एक लाख 63 हजार 104 मतदाता महिला हैं, जबकि एक लाख 93 हजार 857 मतदाता पुरुष हैं। इस सीट पर सबसे ज्यादा 75 हजार मतदाता मुस्लिम हैं। 50 हजार ठाकुर, 65 हजार दलित, 35 हजार गुर्जर, 30 हजार सैनी, 10 से 15 हजार ब्राह्मण,25 हजार, 15 हजार जाट वोट भी माना जाता हैं। 

पेशे से प्रोफेसर रहे स्व. रविंद्र पुंडीर ने राजनीति में कदम रखने के बाद पहला चुनाव सरधना विधानसभा सीट से 1993 में लड़ा। 9121 वोटों से उन्होंने जीत दर्ज की। उसके बाद उन्होंने इसी सीट से जीत की हैट्रिक लगाई। वहीं ठाकुर संगीत सोम ने यहां से दो बार जीत दर्ज की। यहां 1993 से 2002 तक भाजपा, 2007 में बसपा और फिर भाजपा के उम्मीदवार जीतते रहे हैं। अभी तक सपा को यहां से जीत नहीं मिली है। सपा को पहली जीत का इंतजार है। 2007 विधानसभा चुनाव में बसपा के चौधरी चंद्रवीर सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल की तबस्सुम बेगम को शिकस्त दी थी। भाजपा के विजय पाल सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे।  2012 के चुनाव में परिवर्तन देखने को मिला। भाजपा ने इस सीट पर वापसी की और ठाकुर संगीत सोम विधायक निर्वाचित हुए। 2017 में भी भाजपा ने संगीत सोम को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने सपा के अतुल प्रधान को करीब 22 हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज की। इस बार अभी भाजपा, सपा व अन्य दलों ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। बसपा ने संजीव धामा को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं सरधना विधानसभा सीट पर ठाकुर चौबीसी का बड़ा प्रभाव है।

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