कांग्रेस कार्य समिति की संसद सत्र के बाद होगी बैठक

[email protected] । Mar 27 2017 8:15PM

निर्वाचन आयोग द्वारा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव की समय सीमा बढ़ाने के बाद पार्टी ने कहा कि संसद सत्र समाप्त होने के बाद कांग्रेस कार्य समिति में संगठनात्मक चुनाव पर चर्चा होगी।

निर्वाचन आयोग द्वारा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव की समय सीमा को 30 जून से बढ़ाकर 31 दिसंबर किये जाने के बीच पार्टी ने आज कहा कि संसद का वर्तमान सत्र समाप्त होने के बाद कांग्रेस कार्य समिति में संगठनात्मक चुनाव के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से संगठनात्मक चुनाव सम्पन्न कराने के लिए समय सीमा को छह माह बढ़ाने का अनुरोध किया था जिसे चुनाव नियामक ने स्वीकार कर लिया।

कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने आज संसद भवन परिसर में नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 31 दिसंबर से पहले ही पार्टी के अंदर संगठनात्मक चुनाव करवा लिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए समयसीमा समीप आने की प्रतीक्षा नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि संसद का वर्तमान सत्र समाप्त होने के बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक होगी। इस बैठक में संगठनात्मक चुनाव पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कार्य समिति की बैठक में जो भी निर्णय किये जाएंगे, उनके बारे में मीडिया को अवगत कराया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस कार्य समिति की आगामी बैठक में हाल में हुए पांच विधानसभा चुनावों के नतीजों पर भी चर्चा हो सकती है।

निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस को 30 जून तक सांगठनिक चुनाव पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था। कांग्रेस में पिछले काफी समय से राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाये जाने का फैसला टल रहा है। आयोग के इस अल्टीमेटम के कारण हो सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी का प्रोन्नयन इस साल के आखिर तक हो सके। उत्तर प्रदेश में करारी हार के पश्चात कांग्रेस पार्टी के संगठन में बदलाव शुरू करने को लेकर वरिष्ठ पार्टी नेतृत्व के बीच चिंता बढ़ती जा रही है।

इससे पूर्व कांग्रेस महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने संगठन चुनाव कराने के लिए छह महीने का समय और देने का हमारा अनुरोध मान लिया है और उसने 30 जून की समयसीमा अब इस साल दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरा करने के लिए पार्टी को और छह महीने का समय देने की मांग की थी क्योंकि अब इस काम के लिए बहुत कम वक्त बचा है। द्विवेदी ने कहा कि पार्टी ने अपने पत्र में यह भी दलील दी थी कि ईसी की समयसीमा का पालन करना संभव नहीं है क्योंकि यह पार्टी की शीर्ष निर्णायक इकाई कांग्रेस कार्यकारी समिति द्वारा सोनिया गांधी को 31 दिसंबर, 2017 तक इस पद पर बने रहने देने के प्रस्ताव के विरूद्ध है।

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