संस्कृत भारती का संदेश, 'शिक्षण की सार्थकता धरातल पर प्रयोग में', कुरुक्षेत्र में जुटे कार्यकर्ता

कुरुक्षेत्र में संस्कृतभारती के तीन दिवसीय उत्तर क्षेत्र कार्यकर्ता विकास वर्ग का शुभारंभ हुआ, जिसमें पांच राज्यों के 102 संस्कृत कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण शिविर में प्रो. हरेराम त्रिपाठी को मौन श्रद्धांजलि दी गई, जिसके बाद अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख श्रीशदेव पुजारी और प्रशिक्षण प्रमुख श्रीराम ने कार्यकर्ताओं के राष्ट्र के प्रति दायित्वों और समाज में सकारात्मक व्यवहार के महत्व को रेखांकित किया।
संस्कृत के प्रचार प्रसार को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय संगठन संस्कृत भारती के तीन दिवसीय उत्तर क्षेत्र(जम्मू,पंजाब, हरियाणा,दिल्ली, हिमाचल प्रदेश) कार्यकर्ता विकास वर्ग की आज से शुरुआत हो गई। कुरुक्षेत्र के विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय वर्ग शिविर में पांच राज्यों के सौ से अधिक संस्कृत कार्यकर्ता शिरकत करने पहुंचे हैं। सत्र की शुरुआत से पूर्व संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान और कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय नागपुर के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी को मौन रख श्रद्धांजलि दी गई।
उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख श्रीशदेव पुजारी ने कहा कि किसी भी शिक्षण की सार्थकता तब होती है जब उसका धरातल पर प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि दायित्व या पद घर पर खाली बैठने के लिए नहीं है। पद की जो जिम्मेदारी है ,मनसा वाचा कर्मणा उसका निर्वहन करे। संगठन ने मुझे क्या दिया? ये सोचने वाला कार्यकर्ता नहीं हो सकता। संगठन को मैने क्या दिया? सच्चे कार्यकर्ता की वास्तव में यही सोच होनी चाहिए।
द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय प्रशिक्षण प्रमुख श्रीराम ने कहा संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं की राष्ट्र के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है। कार्यकर्ता कैसा हो, इस विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमने प्रायः सुना है कि यथा दृष्टि तथा सृष्टि, यथादर्शन तथा सृजन। कार्यकर्ता पर यह पूर्ण रूप से सही बैठती है। समाज में राष्ट्र में आप जिस तरह का व्यवहार करोगे, जैसा चिंतन करोगे वैसे ही आपके संगठन की महत्ता होगी।
इस अवसर पर अखिल भारतीय प्रशिक्षण प्रमुख श्रीराम, अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख श्रीशदेव पुजारी,उत्तरक्षेत्र मन्त्री डॉ.कौशल किशोर तिवारी, उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री नरेंद्र कुमार, अध्यक्ष प्रो. यशवीर सिंह,उत्तरक्षेत्र प्रशिक्षण प्रमुख संजीव पाठक, उत्तरक्षेत्र गीता शिक्षण केन्द्र प्रमुख डॉ. जोगेन्द्र, श्रीमान् विनायक हेगड़े, संस्कृतभारती हरियाणा न्यासाध्यक्ष डॉ. रामनिवास, प्रान्तमन्त्री प्रमोद शास्त्री, सहमन्त्री भूपेन्द्र:,न्यास अध्यक्ष डा. रामनिवास, प्रांत मंत्री देवकीनंदन (दिल्ली), संजीव कुमार (पंजाब), डॉ दिनेश शास्त्री (दिल्ली), डॉ ज्ञानेश्वर शर्मा (हिमाचल प्रदेश) प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. नवीन शर्मा (हरियाणा), श्रीमान् पुष्पेन्द्र: आत्रेय, श्रीरीशू संगठन मंत्री (जम्मू) विभाग संगठन मंत्री देवांश, नवीन कौशल, हिसार विभाग संयोजक डॉ शैलेन्द्र,सुशील शास्त्री हिसार, राजकुमार शास्त्री, डॉ राजबीर, डॉ राकेश आदि आहत्य 102 कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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