कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा, सीएम जय राम ठाकुर आईजीएमसी अस्पताल में लंगर सेवा को बंद न होंने दें

Vikramaditya singh

ऐसे मामलांं में राजनिति नहीं होनी चाहिये। कुछ चीजें हमें समाज हित, प्रदेश हित व क्षेत्र हित के लिये करने की जरूरत होती है। यह सामाजिक संगठन राजनति से हटकर काम कर रहा है। इसमें सब लोग जो यहां दूर से ईलाज करवाने जो लोग आते हैं उन्हें व उनके परिजनों को दिन रात मुफत भोजन की सुविधा मिलती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

शिमला ।   शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आजकल शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में लंगर सेवा बंद करने का मामला गरमाया हुआ है। यह लंगर सेवा पिछले सात सालों से एक समाज सेवी संस्था आलमाईटी बलेसिंगस की ओर से चल रही थी को अचानक बिजली पानी का कुनैक् शन काट कर वहां से हटा दिया गया।  जिससे लंगर सेवा बंद हो गई।

 

 

 

ऐसे मामलांं में राजनिति नहीं होनी चाहिये।  कुछ चीजें हमें समाज हित, प्रदेश हित व क्षेत्र हित के लिये करने की जरूरत होती है। यह सामाजिक संगठन राजनति से हटकर काम कर रहा है। इसमें   सब लोग  जो यहां दूर से ईलाज करवाने जो लोग आते हैं उन्हें व उनके परिजनों को  दिन रात मुफत भोजन की सुविधा मिलती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ऐसा नहीं होना चाहिये।

 

 

 

उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री  जय राम ठाकुर से अपील करते हुये कहा कि  आप एक दरियादिल नेता है।  और इस मामले में अपनी दरियादिली दिखाते हुये इस लंगर सेवा को वापिस आईजीएमसी में बहाल करवायें। इस मामले में कोई राजनिती नहीं होनी चाहिये। लिहाजा सीएम दलगत राजनिती से उपर उठकर निर्णय लें।                                                                                                                                                                                           

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने एम्स का निर्माण कार्य तय समयावधि मंे पूर्ण करने के निर्देश दिए

                                                                                                       

शिमला  में इन दिनों विवाद के केन्द्र में आये ‘‘गुरू का लंगर‘‘ की शुरूआत करीब सात साल पहले आलमाईटी संस्था क प्रमुख सर्वजीत सिंह बॉबी  ने आईजीएमसी अस्पताल में की तो उसी समय से  बॉबी ढाबा कारोबारियों और आईजीएमसी में चलने वाले कैंटीन मालिकों की आंखों में खटकते थे। आखिर खटके भी क्यों न यहां, करीब तीन हजार लोगों को रोजना फ्री में लंगर जो मिल रहा था। लंगर न होता तो आईजीएमसी में आने वाले मरीजों और उनके तामीरदारों को ढाबों और कैंटीनों में खाना पड़ता। और कुछ खास लोगों के वारे न्यारे हो जाते। यही वजह है कि एक लॉबी ने शुरू से बॉबी को आईजीएमसी से निकालने की कोशिश की थी।

इसे भी पढ़ें: पैरालिंपिक खेलों में भारत को 19 पदक मेले जिससे देश का नाम विश्व पटल पर रोशन हुआ : खन्ना

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह बॉबी की लंगर सेवा से प्रभावित  थे।  और बॉबी को लंगर सेवा बंद नहीं होने दी। मगर जैसे ही केंद्र में भाजपा की सरकार आई तो एक भाजपा के बड़े नेता के करीबी माने जाने वाले नेता ने आईजीएमसी में लंगर सेवा शुरू करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से वह सफल ं हो पाये। 2017 में जैसे ही प्रदेश में भाजपा की सरकार  आई तो उन्होंने फिर से गोटियां फिट कर दी। कई तरह के हथकंडे प्रशासन के साथ मिलकर बॉबी को बाहर करने के लिए अपनाए जा सकते थे वो सारे हथकंडे अपना लिए लेकिन बॉबी को बाहर का रास्ता नहीं दिखा पाए।  बॉबी को शिमला का बेला बंदा भी कहा जाता है वह शव वाहन भी चलाते है और अपनी एबुलेंस भी चलाते है। 

पिछले दिनों राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सर्वजीत सिंह बॉबी को अपने पास मिलने के लिए इसलिए बुलाया क्योंकि बॉबी की ओर से चलाए जा रहे लंगर से प्रभावित और प्रेरित थे। यहीं एक वजह है कि सर्वजीत बॉबी एक बहुत बड़ा नाम शिमला में बनता जा रहा था।  यह सब सत्तारूढ दल के नेताओं को रास नहीं आ रहा था।

शहर के एक बडें वर्ग का मानना है कि शिमला के आइजीएमसी अस्पताल में लंगर अगर कोई चला रहा है तो चलाने दीजिए वो किसी के घर से लूट कर नहीं ला रहा है। बॉबी के लंगर में स्क्ूली बच्चे एक एक रोटी लाकर देता है। आज शिमला ही नहीं पूरे प्रदेश भर से बॉबी के पक्ष में लोग खड़े हो गए है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़