क्या खत्म होगा किसान आंदोलन ? मोदी सरकार ने किसानों को भेजा प्रस्ताव

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केंद्र सरकार ने किसानों को मसौदा भेजा है। जिसके मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समिति में किसानों के पांच प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक साल के भीतर किसानों पर दर्ज हुए मामले वापस लिए जाएंगे। पराली को लेकर दर्ज किए गए मामले भी वापस होंगे। पंजाब मॉडल के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को एक साल पूरे हो चुके हैं और सरकार ने भी कृषि कानूनों को वापस ले लिया है फिर भी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान बैठे हुए हैं। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को बैठक की। इस बैठक में किसान आंदोलन के भविष्य को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार के साथ बातचीत सकारात्मक दिशा की ओर आगे बढ़ी है। ऐसे में किसान आंदोलन खत्म किया जा सकता है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट होगा कि आंदोलन खत्म होगा या फिर जारी रहेगा।

सरकार ने किसानों को भेजा मसौदा 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने किसानों को मसौदा भेजा है। जिसके मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समिति में किसानों के पांच प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक साल के भीतर किसानों पर दर्ज हुए मामले वापस लिए जाएंगे। पराली को लेकर दर्ज किए गए मामले भी वापस होंगे। पंजाब मॉडल के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि बिजली संशोधन विधेयक और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' को लेकर किसानों के पक्ष में कोई बात नहीं हुई।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार किसानों के ऊपर से मुकदमे वापस लेने के लिए राजी हो गई हैं। इसके अलावा केंद्रशासित प्रदेश भी किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेंगे। वहीं किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर बुधवार को फैसला लिया जाएगा। अभी पूरी तरह से केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनी है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इस पर बातचीत हो रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता युद्धवीर सिंह ने बताया कि 5 सदस्यीय कमेटी की एक बहुत महत्वपूर्ण बैठक हुई। उसमें सरकार की तरफ से प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई। उस प्रस्ताव पर आज संयुक्त किसान मोर्चा के साथियों के साथ बैठक हुई, चर्चा हुई। कुछ साथियों को प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण चाहिए था।

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