मोदी ने चीन की ‘अनौपचारिक’ यात्रा में महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी की: शिवसेना

शिवसेना ने हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन यात्रा की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह एक ‘‘अनौपचारिक’’ यात्रा थी जिस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों की अनदेखी की।
मुंबई। शिवसेना ने हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन यात्रा की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह एक ‘‘ अनौपचारिक ’’ यात्रा थी जिस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों की अनदेखी की। पार्टी का मानना है कि अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने ऐसा किया। ।उद्धव ठाकरे की पार्टी ने दावा किया कि मोदी ‘‘ पंचशील ’’ के माध्यम से चीन के साथ लंबित मुद्दों का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए पंचशील का सिद्धांत पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिया था जिनकी मोदी आलोचना करते रहे हैं। ।शिवसेना ने जानना चाहा कि भाजपा के वैचारिक संगठन आरएसएस का इस बारे में क्या कहना है। इसने कहा कि मोदी ने चीन के राष्ट्रपति के साथ ‘ चाय पे चर्चा ’ की जिस दौरान उन्होंने अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा नहीं की।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में इसने लिखा है कि डोकलाम, सीमा में घुसपैठ और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर ( सीपीईसी ) सहित अन्य मुद्दों को चीनी पक्ष के साथ नहीं उठाया गया। ।शिवसेना ने दावा किया, ‘‘चीन के साथ पंडित नेहरू की मित्रता का उल्टा परिणाम मिला। मोदी ने नेहरू की आलोचना का कोई अवसर नहीं गंवाया। लेकिन ऐसा लगता है कि वर्तमान प्रधानमंत्री नेहरू के पंचशील के माध्यम से चीन के साथ मुद्दों का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं।’’ इसने कहा, ‘‘मोदी पंचशील का समर्थन करते हैं लेकिन यह नेहरू का सिद्धांत है। नेहरू की तरह मोदी भी ‘युद्ध नहीं, शांति’’ के मार्ग पर चल रहे हैं।’’
शिवसेना ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले हफ्ते मोदी की दो दिनों की चीन यात्रा बिना किसी एजेंडा के थी। मराठी दैनिक ने दावा किया, ‘‘इसका मतलब है कि देश के प्रधानमंत्री के पास कोई काम नहीं है और वह अनौपचारिक रूप से चीन की यात्रा पर गए।’’ मुखपत्र ने कहा कि चीन पाकिस्तान का समर्थन करता है जो भारत में आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है। इसने कहा, ‘‘चीन पाकिस्तान का बहुत बड़ा समर्थक है। पाकिस्तान भारत में चीन के सहयोग से ही समस्याएं पैदा कर सकता है।’’ इसने लिखा, ‘‘आतंकवाद पर पाकिस्तान के नरम रूख के कारण दुनिया ने उसे अलग - थलग कर दिया है। फिर भी भारत को अस्थिर करने के मकसद से चीन पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है।’ संपादकीय में आस - पड़ोस में चीन के बढ़ते प्रभाव का भी जिक्र किया गया है।
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