तमिलनाडु के किसानों का अपमान कर रहे मोदी: राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह राहत पैकेज की मांग कर रहे तमिलनाडु के किसानों से बातचीत शुरू नहीं करके उनका ‘‘अनादर’’ कर रहे हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह राहत पैकेज की मांग कर रहे तमिलनाडु के किसानों से बातचीत शुरू नहीं करके उनका ‘‘अनादर’’ कर रहे हैं। राहुल ने प्रधानमंत्री पर यह हमला उस वक्त बोला जब वह बीते 18 दिनों से जंतर-मंतर पर डेरा डालकर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों के प्रति एकजुटता करने गए थे। कांग्रेस नेता ने मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर ‘‘गरीब विरोधी’’ और ‘‘किसान विरोधी’’ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार चुनिंदा उद्योगपतियों की मांगें ही मानती है। उन्होंने कहा, ‘‘किसान यहां इतने लंबे समय से बैठे हुए हैं। लेकिन न तो सरकार और न ही प्रधानमंत्री उनकी बातें सुन रहे हैं। तमिलनाडु के लोगों और किसानों की बातें प्रधानमंत्री को सुननी चाहिए। प्रधानमंत्री उनके साथ कोई बातचीत शुरू नहीं करके उनका अनादर कर रहे हैं।’’
प्रदर्शनकारियों और उनके नेता पी. अय्याक्कन्नू के साथ बातचीत करने के बाद राहुल ने कहा, ‘‘पिछले तीन साल में 50 उद्योगपतियों के 1.4 लाख करोड़ रूपए के कर्ज माफ किए गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा? उनके कर्ज माफ क्यों नहीं किए जा रहे? ऐसा करना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है।’’
करीब 15 मिनट की बातचीत के दौरान राहुल ने प्रदर्शनकारियों की सारी मांगें सुनीं और उन्हें आश्वस्त किया कि कांग्रेस उनके लिए लड़ेगी और उनकी शिकायतों को तमिलनाडु के साथ-साथ दिल्ली और संसद में उठाएगी। राहुल ने कहा कि केंद्र किसानों के कर्ज माफ करे, सूखा राहत दे और बेहतर समर्थन मूल्य मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों से कम से कम बातचीत तो करनी चाहिए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष के साथ तमिलनाडु कांग्रेस के प्रमुख एस तिरूनावुक्करसार और पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर थे। तमिलनाडु की कावेरी पट्टी के किसान केंद्र सरकार से 40,000 करोड़ रूपए के राहत पैकेज, कर्ज माफी और कावेरी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना की मांग के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी आज रूद्राक्ष पहने थे, जो एक संत के जीवन का संकेत है जो सभी सांसारिक जरूरतों को त्याग चुका है। अय्याक्कन्नू ने कहा, ‘‘खाली हाथ अपने राज्य लौटने की बजाय हम राष्ट्रीय राजधानी में मर जाएंगे।’’ तमिलनाडु के कई हिस्सों में बारिश नहीं हुई है और भूजल स्तर बहुत नीचे चला गया है। जलाशय भी सूख रहे हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा था कि अपनी फसलों पर निर्भर रहने वाले गरीब किसान समाज के सबसे कमजोर तबके से हैं और वे हमेशा विभिन्न समस्याओं के शिकार हो जाते हैं।
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