सत्ता की व्याकुलता सता रही है कांग्रेसियों को, मोदी के मुरीद हो रहे हैं नेता

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राजनीतिक विशेषज्ञ इस बयान को थोड़ा अलग ढंग से देखते हैं क्योंकि बीते दिनों पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की वकालत करने के लिए कोर्ट में दलीलें पेश करने वाले सिंघवी को अचानक से क्या हुआ कि उन्होंने ट्वीट करके लिखा कि मैंने हमेशा कहा है कि मोदी को एक खलनायक की तरह पेश करना गलत है।

लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहने वाली कांग्रेस के कुछ नेताओं को यह अहसास हो गया है कि प्रधानमंत्री का 'अंध विरोध' अंततः उनकी लोकप्रियता को बढ़ावा देता है और इसी पर विचार करने के बाद जरूर जयराम रमेश के बाद अब अभिषेक मनु सिंघवी भी मोदी के मुरीद हो गए। 21 अगस्त को जयराम रमेश ने राजनीतिक विश्लेषक कपिल सतीश कोमीरेड्डी की किताब ‘मालेवॉलेंट रिपब्लिक: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द न्यू इंडिया’ का विमोचन किया और कहा कि नरेंद्र मोदी के शासन का मॉडल ‘पूरी तरह नकारात्मक गाथा’ नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना तथा हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है। 

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जयराम रमेश ने यह टिप्पणी की ही थी कि उसके कुछ घंटे के बाद अभिषेक मनु सिंघवी की भी आत्मा जाग गई और उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है और ऐसा करके विपक्ष एक तरह से उनकी मदद करता है। सिंघवी ने रमेश के बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, मैंने हमेशा कहा है कि मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है। सिर्फ इसलिए नहीं कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं, बल्कि ऐसा करके एक तरह से विपक्ष उनकी मदद करता है।  

राजनीतिक विशेषज्ञ इस बयान को थोड़ा अलग ढंग से देखते हैं क्योंकि बीते दिनों पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की वकालत करने के लिए कोर्ट में दलीलें पेश करने वाले सिंघवी को अचानक से क्या हुआ कि उन्होंने ट्वीट करके लिखा कि मैंने हमेशा कहा है कि मोदी को एक खलनायक की तरह पेश करना गलत है। ये सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि वो देश के पीएम हैं, बल्कि ऐसा करके विपक्ष एक तरह से उनकी मदद करता है। काम हमेशा अच्छे, बुरे या सामान्य होते हैं। काम को व्यक्तिगत तौर पर नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर आंकना चाहिए। इसी तरह उज्ज्वला योजना उनके कुछ अच्छे कामों में से एक है। जबकि लोकसभा चुनाव के दरमियां सिंघवी ने संवाददाता सम्मेलन के जरिए कई बार प्रधानमंत्री मोदी पर तीखे हमले बोले। फिर चाहे मुद्दा ईवीएम का रहा हो या फिर राफेल विमान खरीद का...

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थरूर ने भी कर दी मोदी की तारीफ

पहले जयराम रमेश फिर सिंघवी और अब शशि थरूर का नाम भी मोदी की तारीफ करने वाली सूची में शामिल हो गया है। थरूर ने कहा कि मैं पिछले 6 साल से कह रहा हूं कि हमें नरेंद्र मोदी के अच्छे कामों की तारीफ करनी चाहिए। इससे जब वह गलतियां करते हैं, तब हमारी आलोचना की विश्वसनीयता बनी रहेगी। मैं अपने साथियों के बयान का स्वागत करता हूं, जिसकी पैरवी मैं बहुत पहले से कर रहा था।

कांग्रेस में आपसी फूट

राजनीति में या तो पक्ष होता है या विपक्ष लेकिन जब विपक्ष सत्तापक्ष का मुरीद हो जाए तो फिर सवाल कौन पूछेगा ? यह अपने आपमें एक सवाल है। जयराम रमेश के बहाने जरूर सिंघवी ने मोदी की तारीफ की हो लेकिन अनुच्छेद 370 को लेकर तो कांग्रेस पहले ही दो धड़े में बंटी हुई दिखाई दे रही है। एक तरफ वरिष्ठ नेताओं का तबका है जिनका मानना है कि कश्मीर को भारत से जोड़ने वाले धारा 370 को समाप्त करना मोदी सरकार का फैसला गलत है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का जो युवा तबका है जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिंया, मिलिंद देवड़ा, अदिति सिंह इत्यादि नेता आते हैं वो सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए दिखाई दिए।

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मोदी की तारीफ करने का बावजूद बुरे फंसे चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयान सुन यह जरूर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। क्योंकि सरकार की योजनाओं को गलत बताने वाली पार्टी के नेता अब उज्ज्वला योजना की तारीफ कर रहा हैं। तो चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की तारीफ की थी और कहा था छोटा परिवार होना देशभक्तिपूर्ण कर्तव्य है। पूंजी का सृजन करने वालों का सम्मान होना चाहिए। एक बार इस्तेमाल हो चुके प्लास्टिक का उपयोग नहीं होना चाहिए। साथ ही चिदंबरम ने कहा था कि मैं आशा करता हूं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके कर अधिकारियों एवं जांच अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की दूसरी बात (पूंजी सृजन करने वालों का सम्मान) को स्पष्ट रूप से सुना होगा। 

आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई की हिरासत में रखा गया है और कांग्रेस ने सत्ताधारी पार्टी पर आरोप लगाया कि वह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है। क्या ऐसा मुमकिन है ? और अगर चिदंबरम निर्दोष हैं तो फिर इतना तमाशा किस बात का ? उन्हें तो फिर अदालत रिहा कर ही देगी ? 

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कांग्रेस अध्यक्षा बनने के बाद सोनिया ने मोदी पर साधा निशाना

सोनिया ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि राजीव गांधी को विशाल बहुमत मिला था लेकिन उन्होंने इस ताकत का इस्तेमाल लोगों को डराने-धमकाने के लिए कभी नहीं किया। सोनिया की यह टिप्पणी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में आई है।  

जाते जाते बशीर बद्र का शेर याद आ रहा है कि दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों... इस शेर का उपयोग समय-समय पर नेताओं ने विरोधियों को यह बताने के लिए किया कि आप अपनी भाषा पर थोड़ा संयम रखें क्योंकि आपको कल हमारे साथ ही रहना है। 

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