Modi Surname Case: पटना हाईकोर्ट से राहुल गांधी को मिली राहत, MP-MLA कोर्ट में नहीं होना होगा पेश
![Rahul Gandhi Rahul Gandhi](https://images.prabhasakshi.com/2023/4/rahul-gandhi_large_1441_8.webp)
भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एमपी/एमएलए कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें राहुल गांधी को 12 अप्रैल को पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा था।
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी द्वारा मोदी उपनाम मामले में दायर मानहानि मामले में सांसद/विधायक कोर्ट के समन के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने 15 मई तक के लिए रोक लगा दी। निचली अदालत ने गांधी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 25 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समन भेजा था। भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एमपी/एमएलए कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें राहुल गांधी को 12 अप्रैल को पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा था।
इसे भी पढ़ें: बसवेश्वर ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए जागरूकता पैदा की थी: गांधी
हालांकि, बुधवार को सुनवाई के दौरान, बचाव पक्ष के वकील ने यह कहते हुए एक और तारीख मांगी कि पूरी टीम सूरत मामले में व्यस्त थी, जिसमें गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी और लोकसभा से अयोग्य घोषित किया गया था। इस पर, न्यायाधीश ने गांधी के वकील से 25 अप्रैल को मामले की सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत के समक्ष उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा था। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के वकील एसडी संजय ने कहा कि पटना की निचली अदालत ने उन्हें 12 अप्रैल को अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा था। निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में आदेश को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी।
इसे भी पढ़ें: Karnataka: मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- कर्नाटक में हम पूर्ण बहुमत से जीतेंगे, भाजपा में असंतोष ज्यादा
एसडी संजय ने कहा कि अदालत ने मुझे इस मामले पर अपनी दलील रखने के लिए कहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वकील वीरेंद्र राठौड़ ने कहा कि हमने रद्द करने की याचिका दायर की थी। जब कोई मामला सूरत की अदालत में पहले से ही विचाराधीन है तो उसी मामले में दूसरी अदालत में दूसरी सुनवाई नहीं हो सकती है, यह अवैध है। अगली सुनवाई 15 मई को है और तब तक निचली अदालतों की सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए उन्हें राहत दे दी। अब उन्हें पटना की निचली अदालत में पेश नहीं होना पड़ेगा।
अन्य न्यूज़