एक-दूसरे से टकराव में हर साल 500 लोगों और 100 से अधिक हाथियों की होती है मौत: अधिकारी

Elephant

देश में 2017 में आखिरी बार हाथियों की गिनती की गयी थी। 2017 की हाथियों की गिनती के अनुसार भारत में 30 हजार हाथी है।

नयी दिल्ली। पर्यावरण अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि हाथियों एवं इंसानों के बीच होने वाले टकराव में हर साल कम से कम 500 लोगों की जान चली जाती है जबकि 100 से अधिक हाथियों की मौत हो जाती है। विश्व हाथी दिवस से पहले एक कार्यक्रम में यह आंकड़ा जारी करते हुये पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इंसानों एवं हाथियों का आमना सामना होने के कारण ही दोनों की मौत होती है। हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है। देश में 2017 में आखिरी बार हाथियों की गिनती की गयी थी। 2017 की हाथियों की गिनती के अनुसार भारत में 30 हजार हाथी है। 

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समारोह को संबोधित करते हुये केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हाथियों का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पारिस्थितिकीय प्रणाली को संतुलित रखता है। उन्होंने कहा कि हाथियों को जंगलों में रखना पड़ता है जिसके लिए चारा और पानी बढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले साल से परिणाम दिखना शुरू हो जायेगा। इंसानों एवं हाथियों के बीच होने वाले संघर्ष में मरने वालों का आंकड़ा देते हुये अतिरिक्त वन महानिदेशक सौमित्र दासगुप्ता ने कहा कि सैकड़ों हाथी इंसानों के संपर्क में आते हैं। दासगुप्ता ने कहा कि इस संघर्ष में हर साल 500 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है जबकि 100 से अधिक हाथियों की भी जान चली जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में हाथी संरक्षण के कई कार्यक्रम चलाये गये हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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