मुस्लिम संगठन ने सरकार से मजदूरों के लिए निधि आवंटित करने को कहा

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जमात-ए-इस्लामी हिंद महाराष्ट्र के अध्यक्ष रिजवान उर रहमान खान ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह दिहाड़ी मजदूरों के लिए विशेष कोष स्थापित करे और अपने बजट से इसमें राशि आवंटित करे।

मुंबई। मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद की महाराष्ट्र इकाई ने राज्य सरकार से कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के चलते आजीविका गंवाने वाले दिहाड़ी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मदद के लिए विशेष कोष गठित करने की अपील की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

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लिखे पत्र में जमात-ए-इस्लामी हिंद महाराष्ट्र के अध्यक्ष रिजवान उर रहमान खान ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह दिहाड़ी मजदूरों के लिए विशेष कोष स्थापित करे और अपने बजट से इसमें राशि आवंटित करे।

खान ने सुझाव दिया कि सरकार उद्योगों से उनकी पहली तिमाही का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व का चंदा इस काम में देने के लिए कह सकता है। साथ ही उन्होंने आम जनता से भी इसमें मदद की अपील की। संगठन ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों की मदद के लिए कई उपाय सुझाए हैं। इसने राज्य सरकार से राशन की दुकानों में अनाज और अन्य जरूरी सामानों के वितरण को दोगुना करने को कहा। इसके अलावा संगठन ने यह भी प्रस्ताव दिया कि राज्य सरकार महाराष्ट्र में असंगठित क्षेत्र के 3.56 करोड़ मजदूरों को 5,000 रुपये का मुआवजा या उन्हें मुफ्त भोजन एवं आसरा दे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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