मोदी सबसे लोकप्रिय, 2019 में भाजपा की सत्ता में वापसी निश्चितः शाह

Narendra Modi government ended politics of dynasty, ushered politics of development: Amit Shah
[email protected] । May 26 2018 7:22PM

अमित शाह ने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव ''''भ्रष्टाचार और गरीबी हटाने’’ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों और विपक्ष के ''मोदी हटाओ’ के एक सूत्री एजेंडे के बीच मुकाबला होगा।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि 2019 में सत्ता में भाजपा की वापसी कोई 'चुनौती नहीं है, यह निश्चित है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि अगला लोकसभा चुनाव 'भ्रष्टाचार और गरीबी हटाने’’ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों और विपक्ष के 'मोदी हटाओ’ के एक सूत्री एजेंडे के बीच मुकाबला होगा। मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर शाह ने इसकी कामयाबियों का ब्योरा दिया और राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस से मिलने वाली संभावित चुनौतियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल ने खुद को भले ही पीएम उम्मीदवार घोषित कर लिया हो, लेकिन उनके इस कदम से विपक्षी नेताओं को तो छोड़ दें, उनकी पार्टी के नेता भी सहज नहीं हैं।

मोदी को 'सबसे लोकप्रिय और सबसे ज्यादा मेहनत करने वाले प्रधानमंत्री’’ के तौर पर पेश करते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने यूपीए की नीतिगत लचरता वाली सरकार की जगह गरीबों के लिए काम करने वाली सरकार दी और दुनिया में देश के सम्मान को बढ़ाने के साथ ही अर्थव्यवस्था भी सुधारी। भाजपा की ओर से किए गए 'अच्छे दिन’ के वादे पर शाह ने कहा कि सरकार ने चार साल में अपने वादे पूरे करने के लिए काफी कदम उठाए हैं और एक साल अब भी बाकी है। शाह ने विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि देश की राजनीति में चौंकाने वाला बदलाव हुआ है और प्रधानमंत्री के खिलाफ रहने वाले लोग झूठ फैलाकर हमेशा इसे जोर-जोर से बोलते रहते हैं।

उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मैं यह नई चीज देख रहा हूं और लगता है कि विपक्ष ने 2019 के चुनावों तक इसी रणनीति पर चलने का फैसला किया है.... इसका एक सूत्री एजेंडा मोदी हटाओ का है जबकि भाजपा एवं मोदी कुव्यवस्था, भ्रष्टाचार और गरीबी मिटाना चाहते हैं ताकि स्थिरता एवं विकास कायम हो।’’ एकजुट विपक्ष की चुनौती को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए उन्होंने कहा कि लोग चट्टान की तरह मोदी के साथ खड़े हैं और काम करने की प्रधानमंत्री की राजनीति वंशवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण को बढ़ावा देने वालों पर भारी पड़ेगी। सरकार पर झूठ फैलाने और मोदी पर प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम करने के आरोप लगाने वाली कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि भाजपा केंद्र की उपलब्धियों के बाबत तथ्यों एवं आंकड़ों पर बहस करने के लिए तैयार है। इन आरोपों को नकारते हुए शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा और कहा कि यूपीए के जमाने में प्रधानमंत्री पद की गरिमा सबसे निचले स्तर पर चली गई थी।

उन्होंने कहा कि मोदी को कोई फैसला करने से पहले किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री पद की गरिमा के बारे में फैसला कांग्रेस नहीं करेगी। लोगों ने यह कर दिया है। उन्होंने 14 राज्यों में उसकी सरकारें बदल दी हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें 2019 में एकजुट विपक्ष या राहुल गांधी से कोई चुनौती दिखती है, इस पर शाह ने कहा कि कोई चुनौती नहीं है और सत्ता में भाजपा की वापसी निश्चित है। शाह ने राहुल के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस का कोई नेता उनके बयान के समर्थन में नहीं आया और न ही शरद पवार, ममता बनर्जी या अखिलेश यादव जैसे विपक्षी नेताओं ने उनके बयान का समर्थन किया।

गौरतलब है कि राहुल ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि यदि कांग्रेस को जरूरी सीटें मिलीं तो वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने अपने वादे पूरे किए हैं, इस पर शाह ने एलपीजी सिलिंडर मुहैया कराने, मकान, बिजली और शौचालय बनवाने जैसी कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने 22 करोड़ परिवारों की जिंदगी को बदलने का सफल प्रयास किया है।

तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के एनडीए छोड़ने और शिवसेना से भाजपा से तनावपूर्ण रिश्ते के बारे में पूछने पर शाह ने कहा कि वह शिवसेना के साथ गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं और जदयू सहित 11 नई पार्टियां एनडीए के साथ आई हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा से मिलने वाली संभावित चुनौती को भी नकारते हुए कहा कि मीडिया ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही 'दो लड़कों’’ (अखिलेश और राहुल) की जोड़ी को विजेता घोषित कर दिया था, लेकिन भाजपा को शानदार जीत हासिल हुई।’’ शाह ने यह भी कहा कि कर्नाटक में भाजपा को मिली 104 सीटें दक्षिण भारत में पार्टी के विस्तार के लिए शुभ संकेत है।

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए सरकार दीर्घकालीन नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी जितनी ही थीं। राम मंदिर विवाद पर शाह ने कहा कि भाजपा अदालत या संवाद के जरिए इस मुद्दे को सुलझाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार सर्जिकल स्ट्राइक कर इस सरकार ने देश के दुश्मनों पर विजय पाने की अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस सरकार ने सत्ता में आते ही एक साल के अंदर लंबे समय से लंबित 'वन रैंक वन पेंशन’ के मुद्दे का समाधान किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने काले धन पर रोक के लिये एक एसआईटी के गठन जैसे कई उपाय किये। वर्ष 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान काले धन का मुद्दा भाजपा के कई अहम चुनावी मुद्दों में से एक था। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, 'मोदी सरकार संवेदनशील है और यह गांवों के विकास के लिये प्रतिबद्ध है।’’ शाह ने यह उल्लेख किया कि ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ शहरी इलाकों पर भी उचित ध्यान दिया गया।

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