जीएसटी को लेकर व्यापारी सकारात्मक, सिर्फ साथ देने की जरूरत: मोदी

Narendra Modi says Traders are positive about GST need handholding

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर देशभर के व्यापारियों का रुख सकारात्मक है और वे इस नई कराधान व्यवस्था को अपनाने के लिए तैयार हैं।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर देशभर के व्यापारियों का रुख सकारात्मक है और वे इस नई कराधान व्यवस्था को अपनाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, मोदी ने इसके साथ ही कहा कि व्यापारियों की समस्यों को हल करने के लिए उनका साथ देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों से कहा है कि वे इस बारे में जिला प्रशासन का सहयोग लें जिससे छोटे व्यापारियों को इस नई प्रणाली तक पहुंचने और अपनाने में मदद की जा सके। मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ ‘अग्र सक्रिय प्रशासन और समयबद्ध क्रियान्वयन’ (प्रगति) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

प्रधानमंत्री हर महीने इस तरह की बैठक लेते हैं। पीएमओ के बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि छोटे कारोबारियों को जीएसटी नेटवर्क के साथ पंजीकरण कराना चाहिए। इससे वे कारोबारी अवसरों का लाभ उठा पाएंगे। उन्होंने कहा कि आम आदमी तथा व्यापारियों को निश्चित रूप से इस ‘युगांतकारी’ फैसले का लाभ मिलना चाहिए। इसके अलावा मोदी ने डिजिटल भुगतान को बढ़ाने के लिए प्रयासों को बढ़ाने पर बल दिया, जिससे देश एक कम नकदी वाला अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ सके। बैंकिंग क्षेत्र की शिकायतों के निपटान की प्रगति की समीक्षा करते हुए मोदी ने वित्तीय सेवा सचिव से रूपे डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा।

रूपे डेबिट कार्ड जनधन खाताधारकों को दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने 22वीं मासिक समीक्षा बैठक में रेल, सड़क, बिजली, कोयला और गैस पाइपलाइन क्षेत्रों से जुड़ी नौ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की। ये परियोजनाएं तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, झारखंड तथा दिल्ली की हैं। ये परियोजनाएं कुल 37,000 करोड़ रुपये की हैं।बैठक में भारत-म्यामां मैत्री पुल परियोजना की भी समीक्षा की गई। इसके अलावा मोदी ने राष्ट्रीय विरासत शहर विकास एवं विस्तार योजना (हृदय) तथा दिव्यांगों के लिए सुगम्य भारत अभियान की भी समीक्षा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के कई विभाग अब सरकार के ई मार्केट प्लेस (जीईएम) का इस्तेमाल कर रहे हैं। अभी तक सिर्फ दस राज्यों ने इसके इस्तेमाल में रुचि दिखाई है। उन्होंने सभी मुख्य सचिवों से जीईएम का जहां तक संभव हो इस्तेमाल करने को कहा जिससे गड़बड़ी और विलंब को कम से कम किया जा सके। इससे पहले प्रगति की 21 बैठकों में कुल 8.94 लाख करोड़ रुपये की 190 परियोजनाओं की समीक्षा की जा चुकी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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