Nashik की घटना हो या Akola की, यह सब Maharashtra का माहौल बिगाड़ने की कोई गहरी साजिश लगती है

trimbakeshwar temple nashik
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नासिक मामले ने राजनीतिक तूल तो पकड़ ही लिया है साथ ही हिंदू संगठनों ने भी असामाजिक तत्वों की हरकतों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कुछ संगठन मंदिर का शुद्धिकरण करने की बात कह रहे हैं तो वहीं कुछ संगठन इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

महाराष्ट्र में जबसे हिंदुत्व के नाम पर शिंदे-फडणवीस सरकार आई है तबसे कुछ समाज विरोधी तत्वों की ओर से राज्य में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं ताकि कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को घेर कर उसे बदनाम किया जा सके लेकिन सरकार जिस सतर्कता और तत्परता से सारे मामलों से निबट रही है वह दर्शाता है कि माहौल बिगाड़ने वालों की साजिशें विफल करने के लिए महाराष्ट्र सरकार कितनी कृत संकल्प है। तनाव बढ़ाने की हालिया घटना नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में हुई। बताया जा रहा है कि 13 मई को कुछ असामाजिक तत्वों ने शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की कोशिश की। देखा जाये तो रामनवमी के दिन महाराष्ट्र में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने वाली घटनाओं की जो शुरुआत हुई थी वह सिलसिला लगातार आगे बढ़ता चला जा रहा है। अभी पिछले सप्ताह ही अकोला शहर बुरी तरह हिंसा की चपेट में आ गया था।

नासिक मामले ने पकड़ा तूल

जहां तक नासिक की घटना की बात है तो आपको बता दें कि इस मामले ने राजनीतिक तूल तो पकड़ ही लिया है साथ ही हिंदू संगठनों ने भी असामाजिक तत्वों की हरकतों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कुछ संगठन मंदिर का शुद्धिकरण करने की बात कह रहे हैं तो वहीं कुछ संगठन इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते दूसरे समुदाय के युवकों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था वरना बड़ा राजनीतिक और धार्मिक बखेड़ा खड़ा हो सकता था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आरोपियों की पहचान आकिल युसूफ सैयद, सलमान अकिल सैयद, मतीन राजू सैयद और सालिम बख्शू सैयद के रूप में हुई है।

इस मामले में यह भी बताया जा रहा है कि मंदिर प्रशासन की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दर्ज करायी गयी शिकायत में कहा गया है कि 6 से 7 की संख्या में आए युवकों ने मंदिर के अंदर घुसने की कोशिश की और शिवलिंग पर हरी चादर चढ़ाने की कोशिश की। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने युवकों की कोशिश को विफल कर दिया।

महाराष्ट्र सरकार का सख्त एक्शन

दूसरी ओर, यह खबर सामने आते ही महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT के गठन का आदेश दिया। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि जिस SIT का गठन इस मामले की जांच के लिए किया गया है, वो त्र्यंबकेश्वर मंदिर में हुई ताजा घटना की जांच करेगी, साथ ही इस तरह की पुरानी घटनाओं की भी वह जांच करेगी। हम आपको यह भी बता दें कि साल 2022 में भी एक खास समुदाय के लोगों ने इसी मंदिर में घुसने की कोशिश की थी। इसे लेकर भी मंदिर प्रशासन की ओर से मामला दर्ज कराया गया था लेकिन तब कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई थी। अब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश के बाद अब SIT नासिक मंदिर से जुड़े दोनों मामलों की जांच करेगी। इस घटना के बारे में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है कि जो कोई भी महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था को खतरे में डालेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि यह सब जानबूझ कर किया गया है और इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी भले सरकार की है लेकिन नागरिकों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।

मंदिर की सुरक्षा कड़ी की गयी

इस बीच, इस प्रकार की भी खबरें हैं कि फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास करने वाले युवकों का क्या मकसद था और यह किस साजिश के तहत मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका खुलासा तो जांच के बाद ही हो पाएगा लेकिन सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तमाम तरह के दावे भी किये जा रहे हैं। ऐसी अफवाहों और कुप्रचार पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर लगी हुई है। इस बीच, आगे किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो इसको लेकर मंदिर की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। हम आपको बता दें कि त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर में सिर्फ हिंदुओं को प्रवेश करने की अनुमति है। 

शिवसेना यूबीटी ने साधा निशाना

दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में नासिक जिले के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश तथा कुछ अन्य हालिया घटनाओं के संदर्भ में दावा किया गया है कि जबसे एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस की गठबंधन सरकार सत्ता में आई है, तब से राज्य लगातार धार्मिक और सामाजिक तनाव का गवाह बन रहा है। इसमें आरोप लगाया गया है, “महाराष्ट्र में भाजपा और उसके समर्थक ‘दंगों की प्रयोगशाला’ बनाकर सामाजिक शांति को भंग करने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।” संपादकीय में कहा गया है, “कुछ मुद्दों को आपसी समझ से सुलझाया जा सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि वे समाज को विभाजित करके चुनाव लड़ना चाहते हैं, जैसे उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को तोड़ दिया था।”

इसमें कहा गया है कि अकोला, शेवगांव और नासिक में हुई हालिया घटनाएं चिंता का सबब हैं। संपादकीय में दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक कारणों से जानबूझकर सामाजिक तनाव पैदा किया जा रहा है और ऐसा व्यवस्थित एवं योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। इसमें कहा गया है, “उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के यह कहने के बावजूद कि वह मुख्य साजिशकर्ता का पर्दाफाश करेंगे, इस दिशा में कुछ भी नहीं हुआ है।”

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