चुनावी बांध ‘ घोटाले ’ में जवाबदेही तय करने की जरुरत : Prashant Bhushan

Prashant Bhushan
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इन दोनों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को एसआईटी का नेतृत्व करना चाहिए और ईमानदार सेवानिवृत्त सीबीआई अधिकारियों को उसका सदस्य बनाया जाना चाहिए।

जाने-माने वकील प्रशांत भूषण और आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने शनिवार को कहा कि अब खत्म हो चुकी चुनावी बॉण्ड (ईबी) योजना एक बड़ा घोटाला बन गया है तथा इसमें जवाबदेही तय करने की जरूरत है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस योजना की विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग वाली याचिका अगले सप्ताह उच्चतम न्यायालय में आने की संभावना है। शीर्ष अदालत ने फरवरी में एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉण्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था।

भूषण ने कहा, हम इस घोटाले में जवाबदेही तय करना चाहते हैं, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया गया है। यह याचिका गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज एंड सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल)’ ने दायर की है।

भूषण चुनावी बॉण्ड मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए थे, वहीं भारद्वाज कॉमन कॉज की सदस्य हैं। इन दोनों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को एसआईटी का नेतृत्व करना चाहिए और ईमानदार सेवानिवृत्त सीबीआई अधिकारियों को उसका सदस्य बनाया जाना चाहिए।

भूषण ने कहा कि कंपनियों द्वारा खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का बड़ा हिस्सा उन राजनीतिक दलों को रिश्वत के रूप में दिया गया, जो सत्ता में हैं। उन्होंने कहा,‘‘ऐसी कंपनियों को अनुबंध मिले, या नीतियों को उनके पक्ष में बदल दिया गया।

भूषण ने दावा किया कि जो कुछ कंपनियां प्रवर्तन निदेशालय, आयकर और सीबीआई की जांच या पूछताछ का सामना कर रही थीं, उन्होंने भी कार्रवाई से बचने के लिए बॉण्ड खरीदे। भूषण ने आरोप लगाया कि जिन कुछ दवा कंपनियों की दवाओं को ड्रग कंट्रोलर द्वारा घटिया या जीवन के लिए खतरनाक बताया गया था, उन्हें ईबी के माध्यम से रिश्वत लेने के बाद बाजार में आने की अनुमति दी गई थी।

उन्होंने कहा कि इस तरह परस्पर लाभ में शामिल लोगों के नाम सामने आने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर का कहना है कि चुनावी बॉण्ड योजना न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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