नीरज कुमार दुबे की साप्ताहिक डायरीः पढ़िये सप्ताह भर की बड़ी घटनाएँ

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[email protected] । Dec 7 2019 5:36PM

चाहे हैदराबाद का एनकाउंटर हो, उन्नाव की घटना के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो या फिर निर्भया के दोषियों की दया याचिका को खारिज किया जाना, इन सबसे हमारी पुलिस व्यवस्था, हमारी न्याय व्यवस्था में लोगों का विश्वास फिर बहाल हुआ है।

सप्ताह की शुरुआत हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के साथ हुये अमानवीय कृत्य से उपजे देशव्यापी आक्रोश से हुई और सप्ताह का समापन हैदराबाद की दिल दहला देने वाली घटना के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के जश्न से हुआ। एक समाज के तौर पर यह सप्ताह हिला कर रख देने वाला रहा। ऐसा लगा कि द्रौपदी को अब अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी और कृष्ण उन्हें बचाने नहीं आएंगे। लेकिन चाहे हैदराबाद का एनकाउंटर हो, उन्नाव की घटना के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो या फिर निर्भया के दोषियों की दया याचिका को खारिज किया जाना, इन सबसे हमारी पुलिस व्यवस्था, हमारी न्याय व्यवस्था में लोगों का विश्वास फिर बहाल हुआ है। देश की आधी आबादी में एक विश्वास जगा है।

राजनीतिक रूप से यह सप्ताह इस मायने में महत्वपूर्ण रहा कि केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद में पेश किये जाने को मंजूरी प्रदान कर दी, निजी डाटा संरक्षण विधेयक को मंजूरी प्रदान की, सीनियर सिटीजन के हितों की रक्षा के लिए कानून में कई बड़े बदलाव किए जिसके तहत बेटे के अलावा अब दामाद को भी देखभाल की जिम्मेदारी उठानी होगी। इसके अलावा संसद ने कई अहम विधेयकों जिसमें एसपीजी कानून में संशोधन तथा दिल्ली में 1797 अनियमित कालोनियों को नियमित किये जाने जैसे बड़े फैसले लिये तो कांग्रेस खेमे में पी. चिदम्बरम को जमानत मिलने का जश्न देखा गया। प्याज और मोबाइल फोन कॉल महँगी होने के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा तो दिल्ली की सरकार फ्री की घोषणाओं पर आगे बढ़ती रही। उद्धव ठाकरे ने बुलेट ट्रेन परियोजना को आंखें दिखाईं और हिन्दुत्व पर कायम रहने की कसम खाई तो आरजेडी को जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव के अलावा पार्टी अध्यक्ष पद के लिए और कोई विकल्प नजर नहीं आया।

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अयोध्या पर मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की तो 1984 के दंगों पर मनमोहन सिंह के बयान को लेकर विवाद हो गया। पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और सरकार के बीच खींचतान बढ़ गयी तो बेअंत सिंह के हत्यारे को माफी के मुद्दे पर पंजाब में तनाव दिखा। रेलवे के लगातार घाटे में जाने की रिपोर्ट ने सरकार की चिंता बढ़ाई तो शरद पवार ने वो कहानी सुनाई कि किस प्रकार प्रधानमंत्री ने उन्हें साथ काम करने का न्यौता दिया था। विधानसभा चुनावों की चिंता में योगी सरकार ने 34 बड़े फैसले एक साथ लिये तो झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा आलाकमान ने पूरी तरह मोर्चा संभाल लिया ताकि देश के नक्शे से अब किसी राज्य से भगवा रंग हटने नहीं पाये। कश्मीर में हिमस्खलन में शहीद हुए जवानों का दुख देश ने सहा तो एक प्रश्न यह भी उठा कि डिप्रेशन किस कदर हावी हो रहा है। इंदिरापुरम में एक व्यक्ति ने बढ़ते कर्ज के चलते खुद सहित पूरे परिवार को खत्म कर दिया तो छत्तीसगढ़ में एक आईटीबीपी जवान ने छुट्टी नहीं मिलने पर आवेश में आकर अपने पांच साथियों की हत्या कर दी। पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया तो दूसरी ओर एक अन्य भगोड़े नित्यानंद ने अपना खुद का देश बसा कर सबको चौंका दिया। विश्व स्तर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सप्ताह काफी चर्चित रहे क्योंकि एक तो नाटो देशों की बैठक के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष ट्रंप का मजाक उड़ाते दिखे तो दूसरी ओर अमेरिकी संसद में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने का रास्ता साफ हो गया। सूडान से एक बुरी खबर आई जिसमें बताया गया कि एक फैक्ट्री में बड़ा धमाका हुआ जिसमें 18 भारतीयों समेत 23 लोगों की मौत हो गयी।

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