एनजीटी ने उत्तरी राज्यों से कहाः बीएस-1, बीएस 2-वाहनों पर रूख स्पष्ट हो

NGT says northern states BS1 BS2- A clear attitude towards vehicles
[email protected] । Sep 21 2017 7:30PM

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज देश के पांच उत्तरी राज्यों से ‘भारत स्टेज-1’ और ‘भारत स्टेज-2’ वाहनों के चलने और उनके पंजीकरण पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज देश के पांच उत्तरी राज्यों से ‘भारत स्टेज-1’ और ‘भारत स्टेज-2’ वाहनों के चलने और उनके पंजीकरण पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा। दरअसल, ये वाहन दिल्ली-एनसीआर में प्रतिबंधित हैं। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश सरकारों से कल तक स्पष्ट रूप से यह बताने को कहा है कि क्या वे अपने इलाकों में इन वाहनों को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।

एनजीटी ने कहा, ‘‘दिल्ली-एनसीआर में प्रतिबंधित बीएस-1 और बीएस-2 वाहनों पर आपका क्या रूख है ? क्या आपने उन क्षेत्रों की पहचान की है जहां आपके राज्य में 10 - 15 साल पुराने ये वाहन काम में आ सकते हैं। ’’ न्यायमूर्ति आरएस राठौर भी पीठ के सदस्य हैं।पीठ ने कहा, ‘‘हमें मौजूदा और प्रस्तावित सीएनजी स्टेशनों की स्पष्ट स्थिति और इससे जुड़ा खाका भी दिया जाए। इसके अलावा यह बताया जाए कि आप को क्या दिक्कतें पेश आने की संभावना है।

’’एनजीटी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रतिबंधित डीजल कारों को अपने इलाकों में चलाने को लेकर ‘प्रदूषण रहित क्षेत्रों’ की पहचान में देर करने को लेकर भी राज्यों की आलोचना की। पीठ ने मामले की सुनवाई कल के लिए निर्धारित करते हुए कहा , ‘‘हम आपसे (राज्यों से) पिछले एक साल से प्रदूषण रहित क्षेत्रों की पहचान के लिए कह रहे हैं? हमें यह निर्देश जारी करने में कोई दिक्कत नहीं है कि सभी प्रतिबंधित वाहन नष्ट कर दिए जाए। फिर आप दौड़ते हुए हमारे पास आएंगे। कृपया हमें बताइए कि कौन से क्षेत्र इन वाहनों को झेल सकते हैं। ’’

गौरतलब है कि अधिकरण ने पिछले साल दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि वह 10 साल से अधिक पुरानी डीजल चालित सभी कारों का पंजीकरण रद्द करे और उनके परिचालन पर पाबंदी लगा दी थी।साथ ही, यह आदेश दिया गया था कि पंजीकरण रद्द की गई सिर्फ 15 साल से कम पुरानी डीजल कारों को ही दिल्ली - एनसीआर के बाहर के इलाकों में परिचालन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल सकता है और इस बारे में राज्य सरकारें वाहनों के कम घनत्व वाले क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए फैसला करेंगी।

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