फांसी से बचने के लिए निर्भया के दोषी पहुंचे इंटरनेशनल कोर्ट

nirbhaya
अभिनय आकाश । Mar 16 2020 5:02PM

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों में से तीन ने अपनी फांसी टालने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। तीन दोषियों अक्षय, पवन और विनय ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से अपनी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की है।

देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह की याचिका आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। 20 मार्च को होने वाली फांसी से पहले दोषी मुकेश को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका माना गया और लगने लगा कि इस याचिका के खारिज होते ही 20 मार्च को होने वाली फांसी का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन निर्भया मामले के आरोपियों ने बचाव का एक और तिकड़म लगा दिया है।

इसे भी पढ़ें: निर्भया मामले का दोषी पहुंचा न्यायालय, अपने कानूनी उपाय बहाल करने की लगायी गुहार

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों में से तीन ने अपनी फांसी टालने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। तीन दोषियों अक्षय, पवन और विनय ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से अपनी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। तीनों दोषियों ने आईसीजे को पत्र लिखकर फांसी टालने की अपील की है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि फांसी की सजा के खिलाफ दुनियाभर के विभिन्न संगठनों ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया है। क्या है ICJ

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, संयुक्त राष्ट्र यानी UN का न्यायिक अंग है. इसकी स्थापना 1945 में हॉलैंड के शहर हेग में की गई थी। अगले साल यानी 1946 से इसने काम करना शुरू कर दिया था।  इस न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं। इन्‍हें संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद मिलकर चुनती है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़