महायुति कैबिनेट विस्तार: गृह मंत्रालय कतई नहीं, एकनाथ शिंदे के पास बस ये विकल्प!
शीतकालीन विधानसभा सत्र से पहले 14 दिसंबर को विस्तार की घोषणा होने की उम्मीद है। सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का केंद्रीय नेतृत्व नए मंत्रिमंडल के लिए स्वच्छ छवि बनाए रखने पर कायम है। सूत्रों के मुताबिक ऐसी अटकलें हैं कि पिछली कैबिनेट में कई दिग्गज नामों को उनके खराब प्रदर्शन और प्रतिष्ठा के कारण बाहर किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की सरकार द्वारा 9 दिसंबर को महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद, अब सभी की निगाहें महायुति गठबंधन के बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार पर हैं। 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन विधानसभा सत्र से पहले 14 दिसंबर को विस्तार की घोषणा होने की उम्मीद है। सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का केंद्रीय नेतृत्व नए मंत्रिमंडल के लिए स्वच्छ छवि बनाए रखने पर कायम है। सूत्रों के मुताबिक ऐसी अटकलें हैं कि पिछली कैबिनेट में कई दिग्गज नामों को उनके खराब प्रदर्शन और प्रतिष्ठा के कारण बाहर किया जा सकता है।
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महाराष्ट्र में आगामी महायुति गठबंधन कैबिनेट विस्तार में कई मौजूदा मंत्रियों को उनके कथित खराब प्रदर्शन या खराब प्रतिष्ठा के कारण बाहर किए जाने की उम्मीद है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) से तीन प्रमुख मंत्रियों को हटाए जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, संजय राठौड़, जो वर्तमान में एफडीए और जल संसाधन विभाग संभालते हैं, अल्पसंख्यक और विपणन विभाग से अब्दुल सत्तार और स्वास्थ्य विभाग से तानाजी सावंत को अपना पद गंवाना पड़ सकता है।
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एनसीपी (अजित पवार गुट) में दिलीप वालसे पाटिल (सहकारिता विभाग) और हसन मुशरिफ (चिकित्सा शिक्षा विभाग) को किनारे किए जाने की संभावना है। भाजपा में भी बदलाव देखने को मिल सकता है, सुरेश खाड़े (श्रम विभाग) और विजयकुमार गावित (आदिवासी कल्याण विभाग) को हटाए जाने की उम्मीद है। भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह गृह विभाग के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। सूत्रों का दावा है कि अब एकनाथ शिंदे के पास केवल और केवल एक विकल्प है। भाजपा उनको शहरी विकास, राजस्व और पीडब्ल्यूडी विभाग में किसी का चुनाव करने का विकल्प दे सकती है। इसी में से शिंदे को अपने लिए विभाग चुनने होंगे। हालांकि ये तीनों भी काफी बड़े बजट वाले विभाग हैं।
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