सरकारी कर्मियों को फिलहाल संपत्ति का ब्यौरा देने की जरूरत नहीं

[email protected] । Jan 15 2017 6:10PM

केंद्र सरकार ने लोकपाल कानून के अनिवार्य प्रावधान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा देने की समयसीमा को अनिश्चित समय के लिए बढ़ा दिया है।

केंद्र सरकार ने लोकपाल कानून के अनिवार्य प्रावधान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा देने की समयसीमा को अनिश्चित समय के लिए बढ़ा दिया है। सरकार की ओर से इस संदर्भ में नया प्रारूप और नियमावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले इस संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा देने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तय की गई थी।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘सरकारी नौकरशाहों की ओर से संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा देने की अभी जरूरत नहीं है। सरकार नयी नियमावली को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। इन नियमों को एक तय प्रारूप, ढंग और समसयीमा में अधिसूचित किया जाएगा जिसके तहत सरकारी नौकरशाह लोकपाल अधिनियम के संशोधित प्रावधान के तहत अपनी संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा दे सकेंगे।’’ आदेश में कहा गया, ‘‘ऐसे में सभी सरकारी नौकरशाह नए नियमों के तहत संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा दे सकेंगे।’’ देश में करीब 50.68 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं। लोकपाल कानून के नियमों के अनुसार सरकारी नौकरशाहों को हर साल 31 मार्च को अथवा 31 जुलाई तक अपनी संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा देना होगा।

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