सरकारी कर्मियों को फिलहाल संपत्ति का ब्यौरा देने की जरूरत नहीं

केंद्र सरकार ने लोकपाल कानून के अनिवार्य प्रावधान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा देने की समयसीमा को अनिश्चित समय के लिए बढ़ा दिया है।

केंद्र सरकार ने लोकपाल कानून के अनिवार्य प्रावधान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा देने की समयसीमा को अनिश्चित समय के लिए बढ़ा दिया है। सरकार की ओर से इस संदर्भ में नया प्रारूप और नियमावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले इस संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा देने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तय की गई थी।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘सरकारी नौकरशाहों की ओर से संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा देने की अभी जरूरत नहीं है। सरकार नयी नियमावली को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। इन नियमों को एक तय प्रारूप, ढंग और समसयीमा में अधिसूचित किया जाएगा जिसके तहत सरकारी नौकरशाह लोकपाल अधिनियम के संशोधित प्रावधान के तहत अपनी संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा दे सकेंगे।’’ आदेश में कहा गया, ‘‘ऐसे में सभी सरकारी नौकरशाह नए नियमों के तहत संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा दे सकेंगे।’’ देश में करीब 50.68 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं। लोकपाल कानून के नियमों के अनुसार सरकारी नौकरशाहों को हर साल 31 मार्च को अथवा 31 जुलाई तक अपनी संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा देना होगा।

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