क्या 21 दिन के लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाएगा ? सरकार ने दिया ये जवाब

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सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ने कहा, “मीडिया में आ रही खबरें और कुछ अफवाहों में दावा किया जा रहा है कि सरकार 21 दिन के बंद की अवधि खत्म होने के बाद इसे और बढ़ा सकती है। मंत्रिमंडल सचिव ने इन खबरों से इनकार किया है और कहा है कि ये निराधार हैं।”

नयी दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में फिलहाल प्रभावी 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि को और बढ़ाने की तत्काल कोई योजना नहीं है। यह बयान ऐसे समय आया है जब आशंका जताई जा रही है कि कोरोना वायरस के प्रसार से निपटने के लिए देशभर में कारोबार ठप पड़ने से गंभीर आर्थिक संकट एवं सामाजिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा की ओर से यह स्पष्टीकरण तब आया है जब पिछले पांच दिनों से हजारों प्रवासी मजदूर पैदल ही बड़े-बड़े शहरों से अपने घरों को लौट रहे हैं जो बंद के कारण नौकरी गंवाने के बाद जीवन-यापन के उनके संघर्ष को दर्शाता है। केंद्र सरकार दिहाड़ी श्रमिकों के लिए ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था करने का राज्यों को पहले ही निर्देश दे चुकी है। सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट कर कहा, “मीडिया में आ रही खबरें और कुछ अफवाहों में दावा किया जा रहा है कि सरकार 21 दिन के बंद की अवधि खत्म होने के बाद इसे और बढ़ा सकती है। मंत्रिमंडल सचिव ने इन खबरों से इनकार किया है और कहा है कि ये निराधार हैं।” 

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रविवार को मंत्री समूह की एक बैठक में प्रवासी मजदूरों के पलायन सहित बंद के चलते उत्पन्न स्थिति की समग्र समीक्षा की गई। ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि बंद के चलते गंभीर आर्थिक एवं सामाजिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बंद से अत्यधिक “भय” एवं “भ्रम” उत्पन्न हो गया है। उन्होंने घातक बीमारी से निपटने के लिए पूर्ण बंद की बजाय कुछ अन्य कदम उठाने की अपील की। गांधी ने कहा कि भारत में दिहाड़ी आय पर निर्भर गरीबों की संख्या बहुत ज्यादा है, इसलिए एकपक्षीय तरीके से सभी आर्थिक गतिविधियों को बंद करना उचित नहीं है। ताजा आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,071 और मृतकों की संख्या 29 हो गई है।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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