Purvottar Lok: Manipur में फिर भड़की हिंसा, Assam पहुँचे गृहमंत्री अमित शाह, Meghalaya CM के साथ असम के मुख्यमंत्री ने की सीमा मुद्दे पर वार्ता

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ANI

मणिपुर में तीन सप्ताह पहले जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। राज्य में बाहर से आने वाले उत्पादों की आमद प्रभावित हुई है और कई वस्तुओं को सामान्य कीमत से दोगुनी कीमत पर बेचा जा रहा है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। इस सप्ताह बात करेंगे मणिपुर के ताजा हालात की, असम-मेघालय के बीच हुई सीमा वार्ता की, असम में गृह मंत्री अमित शाह के दौरे की, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल की ओर से दिये गये सुझावों की, त्रिपुरा में हो रही राजनीतिक हलचल की और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की साप्ताहिक हलचल की। सबसे पहले बात करते हैं मणिपुर की।

मणिपुर

मणिपुर के हिंसाग्रस्त सीमावर्ती जिलों बिष्णुपुर और चुराचांदपुर में संदिग्ध उग्रवादियों और लोगों के एक समूह के बीच हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा के दौरान संदिग्ध उग्रवादियों ने लोगों के समूह पर गोली चलाई, जिसमें 30 वर्षीय टोइजाम चंद्रमणि की मौत हो गई और 22 वर्षीय लीचोम्बम अबुंगनाओ घायल हो गया। उन्होंने कहा कि लोगों के समूह में ज्यादातर वे लोग थे जो हाल में चुराचांदपुर में हुई जातीय हिंसा के दौरान विस्थापित हुए थे और बिष्णुपुर के मोइरांग में एक राहत शिविर में रह रहे थे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मोइरांग शिविर में रहने वाले ग्रामीण और अन्य लोग अपने घरों को जलाए जाने से नाराज थे। जब इन लोगों को पता चला कि उग्रवादी बिष्णुपुर के थम्नापोकपी और चुराचांदपुर के कांगनथेई के पास एक इलाके में स्थित एक स्कूल में आग लगा सकते हैं, तो वे वहां पहुंच गए। जैसे ही वे वहां पहुंचे, उग्रवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं, जिसमें दो लोग घायल हो गए। अस्पताल ले जाते समय एक घायल व्यक्ति की मौत हो गई।” इससे पहले, बुधवार को लोगों के एक समूह ने मणिपुर के लोक निर्माण विभाग मंत्री एवं भाजपा नेता कोंथोजाम गोविंददास के बिष्णुपुर जिले स्थित घर में तोड़फोड़ की। हमलावरों का दावा था कि संघर्षग्रस्त राज्य में सरकार स्थानीय लोगों को दूसरे समुदाय के उग्रवादियों से बचाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं कर रही है।

इसके अलावा, कांग्रेस ने मणिपुर में पिछले दिनों हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार में शीर्ष स्तर की ‘चुप्पी’ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह एक सीमावर्ती राज्य है और वहां की स्थिति को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता अजय कुमार ने यह आग्रह भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मेइती और आदिवासी समुदायों के नेताओं को बुलाकर बातचीत शुरू करनी चाहिए ताकि परस्पर विश्वास और सौहार्द बढ़ सके। कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति का जायजा लेने के लिए हाल में तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति को वहां भेजा था। इसमें अजय कुमार भी शामिल थे।

इसके अलावा, मणिपुर में तीन सप्ताह पहले जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। राज्य में बाहर से आने वाले उत्पादों की आमद प्रभावित हुई है और कई वस्तुओं को सामान्य कीमत से दोगुनी कीमत पर बेचा जा रहा है। चारों तरफ से भूमि से घिरे इस पूर्वोत्तर राज्य के अधिकांश हिस्सों में चावल, आलू, प्याज और अंडे के अलावा एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोल सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य से कहीं ऊंची कीमतों पर बेचे जा रहे हैं। इंफाल वेस्ट जिले में सरकारी शिक्षक मांगलेम्बी चानम ने कहा, “पहले सुपरफाइन चावल की बोरी की कीमत 900 रुपये थी, लेकिन अब यह बढ़कर 1,800 रुपये हो गई है। आलू और प्याज के दाम भी 20 रुपये से 30 रुपये तक बढ़े। सामान्य तौर पर, बाहर से लाई गई सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं।” उन्होंने कहा कि एलपीजी सिलेंडर काला बाजार में 1,800 रुपये में बेचा जा रहा है, जबकि इंफाल पश्चिम जिले के कई हिस्सों में एक लीटर पेट्रोल 170 रुपये में मिल रहा है। चानम ने कहा, “अंडों की कीमतों में भी वृद्धि हुई है, 30 अंडों वाले एक ट्रे की कीमत सामान्य 180 रुपये के बजाय 300 रुपये हो गई है। यदि सुरक्षा बल आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों की निगरानी नहीं करते तो कीमतों में वृद्धि कहीं और ज्यादा होगी। सुरक्षा बलों के आने से पहले आलू की कीमत भी 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी।”

इसके अलावा, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने कहा है कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए वहां साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) 29 मई से आयोजित की जायेगी। हम आपको बता दें कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कुछ शहरों में अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने के कारण साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी)-यूजी के दिनों को कम से कम चार दिन और बढ़ाया है।

असम

असम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर तीन कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए असम के एक दिवसीय दौरे पर पहुँचे। वह दो अलग-अलग स्थानों श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र तथा खानापारा वेटरनरी कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री ने कामरूप जिले के चांगसारी क्षेत्र के मोलोंग में बनाए जाने वाले राष्ट्रीय फॉरेन्सिक विज्ञान विश्वविद्यालय के गुवाहाटी परिसर की आधारशिला भी रखी। इस परियोजना का पहला चरण 2026 तक और दूसरा चरण 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है। अमित शाह ने इसी स्थान पर असम पुलिस का ‘सेवा सेतु’ मोबाइल ऐप भी शुरू किया। हम आपको बता दें कि असम पुलिस और सेंट्रल फॉरेन्सिक साइंस लेबोरेटॅरी (सीएफएसएल) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस ऐप की मदद से लोग प्राथमिकी तथा गुमशुदा व्यक्तियों को लेकर शिकायत दर्ज करा सकेंगे और पुलिस थाने पहुंचे बिना किरायेदारों का सत्यापन तथा अन्य कार्य हो सकेंगे। इसके अलावा अमित शाह ने विभिन्न सरकारी विभागों के लिए 44,703 चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे।

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का विरोध करने के 19 विपक्षी दलों के फैसले को महज ‘नौटंकी’ करार देते हुए कहा कि इन दलों ने इस परियोजना का कभी समर्थन किया ही नहीं। शर्मा ने कहा कि बहिष्कार का दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि उद्घाटन ऐसे दिन हो रहा है जो ‘वीर सावरकर से जुड़ा हुआ है।' शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहिष्कार लाज़िमी है। उन्होंने सबसे पहले संसद भवन के निर्माण का विरोध किया था।’’

इसके अलावा, संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में पांचवीं रैंक हासिल करने वाले और पुरुष अभ्यर्थियों में टॉप करने वाले मयूर हजारिका असम के तेज़पुर से हैं और पेशे से डॉक्टर हैं। उन्हें भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में काम करने का मौका मिलने की उम्मीद है। सफल पुरुष अभ्यर्थियों में शीर्ष स्थान हासिल करने से मयूर हजारिका उत्साहित हैं। एमबीबीएस डिग्री धारक मयूर हजारिका का शानदार अकादमिक कॅरियर रहा है।

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इसके अलावा, असम सरकार ने स्कूली शिक्षकों के लिए परिधान संबंधी नियम तय करते हुए कहा है कि कुछ शिक्षकों को ऐसे कपड़े पहनने की ‘‘आदत’’ है जो सार्वजनिक रूप से स्वीकार्य नहीं लगते। सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि शिक्षकों को सौम्य रंग वाला ‘औपचारिक’ परिधान पहनकर ही कक्षाओं में शिक्षण कार्य करना चाहिए और उन्हें ‘पार्टी’ आदि में पहने जाने वाले परिधान नहीं पहनने चाहिए। शिक्षा मंत्री रानोज पेगू ने आदेश ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘मैं स्कूल के शिक्षकों के लिए परिधान संबंधी नियमों के बारे में स्पष्टता के लिए अधिसूचना साझा कर रहा हूं।’’

मेघालय

मेघालय से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बुधवार को मुलाकात की और सीमा पर 12 में से शेष छह क्षेत्रों में पूर्वोत्तर के दोनों पड़ोसियों के बीच विवाद को हल करने के लिए विचार-विमर्श किया। गुवाहाटी में बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में शर्मा ने घोषणा की कि वह संगमा के साथ अगले महीने असम के कार्बी आंगलोंग और मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स में विवादित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जहां समस्या ‘‘थोड़ी जटिल’’ है। हम आपको बता दें कि मेघालय, असम से अलग होकर 1972 में नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था, लेकिन उसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी है जिससे 12 सीमावर्ती स्थानों पर विवाद की स्थिति है। दोनों राज्यों ने 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा पर छह क्षेत्रों में विवाद के निपटारे के लिए मार्च 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में नयी दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए थे। समझौते के अनुसार 36.79 वर्ग किलोमीटर विवादित क्षेत्र पहले चरण में समाधान के लिए लिया गया जिसमें असम को 18.51 वर्ग किलोमीटर और मेघालय को 18.28 वर्ग किलोमीटर जमीन पर पूरी तरह नियंत्रण मिला। असम के मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह विश्वास निर्माण का कदम होगा ताकि दोनों पक्षों के लोगों को आश्वस्त किया जा सके कि हम मतभेदों को सुलझा रहे हैं।’’ संगमा ने कहा कि हालांकि इन छह क्षेत्रों में मतभेद ‘‘जटिल’’ हैं, लेकिन इन्हें भी विश्वास और दोस्ती की भावना से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ''चीजें जटिल हैं लेकिन हमारा मानना है कि जहां चाह होती है, तो वहां रास्ता अपने आप बन जाता है।’’

इसके अलावा, मेघालय में 1972 की आरक्षण नीति की समीक्षा की मांग को लेकर विपक्षी दल 'वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी' (वीपीपी) के अध्यक्ष अर्देंट बसैयावमोइत की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी है। राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा में चार विधायकों वाली वीपीपी पार्टी के समर्थक पार्टी प्रमुख के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अतिरिक्त सचिवालय की पार्किंग में मौजूद रहे, जहां बसैयावमोइत भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा, "मैं ठीक महसूस कर रहा हूं। मैंने इसके लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लिया है और भगवान मेरे साथ हैं।" बसैयावमोइत ने मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरूआत की थी। उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर डॉक्टरों की एक टीम नजर रख रही है।

मिजोरम

मिजोरम से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि हिंसा प्रभावित मणिपुर से 7,500 से अधिक लोग मिजोरम शरण लेने पहुंचे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि कुल 7,527 स्थानीय ‘जो’ लोग मिजोरम जा चुके हैं जिन्हें मणिुपर में कुकी कहा जाता है। अधिकारी के अनुसार इन लोगों ने राज्य में आठ जिलों में शरण ली है। सर्वाधिक विस्थापित लोग कोलासिब पहुंचे हैं जिनकी संख्या 2,685 है और उसके बाद आइजोल में 2,386 और सैतुआल में 2,153 लोग शरण लेने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि विस्थापित लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में रखा गया है, वहीं कुछ को उनके रिश्तेदारों ने आसरा दिया है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि भारत में सभी जो जनजातियों को एकजुट करके एक प्रशासनिक इकाई के अधीन लाना उनके मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के संस्थापकों का प्रमुख उद्देश्य रहा है।

त्रिपुरा

त्रिपुरा से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को त्रिपुरा पर्यटन का ब्रांड दूत नियुक्त किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने यह घोषणा की। इससे पहले राज्य के पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने राज्य के अधिकारियों के साथ इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कोलकाता में गांगुली के आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गांगुली से फोन पर भी बात की और उन्हें विश्वास है कि अभियानों में उनकी भागीदारी से राज्य को पर्यटन क्षेत्र को गति मिलेगी।

इसके अलावा, टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने त्रिपुरा की धनपुर विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ सीधी लड़ाई सुनिश्चित करने के लिए विपक्षी एकता का आह्वान किया है। हम आपको याद दिला दें कि त्रिपुरा में फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन, माकपा-कांग्रेस गठबंधन और पूर्वोत्तर राज्य के पूर्व शाही परिवार के वंशज देबबर्मा द्वारा गठित क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा के बीच था। उन्होंने लाइव फेसबुक पोस्ट में कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी त्रिपुरा सीट से मजबूत उम्मीदवार उतारा जाना चाहिए।

इसके अलावा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि त्रिपुरा में भाजपा एकजुट है और इस पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है। इससे एक दिन पहले, पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने आरोप लगाया था कि ‘बाहरी’ लोग पार्टी के मामले में हस्तक्षेप कर इसे कमजोर कर रहे हैं। पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए साहा ने कहा, ''हम एकजुट हैं और इस पर कोई सवाल नहीं होगा। कभी-कभी परिवार में समस्याएं पैदा हो जाती हैं लेकिन उनका समाधान उसके 'अभिभावकों' द्वारा किया जाता है।” उन्होंने देब के बयान पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। हम आपको बता दें कि भाजपा के राज्यसभा सदस्य बिप्लब देब ने कहा था कि ‘‘बाहरी” लोग भाजपा के सांगठनिक मामलों में देखल दे रहे हैं और इसे कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बात से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा चुके हैं। वहीं त्रिपुरा भाजपा अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्य ने कहा है कि वह देब से बात करेंगे कि पार्टी को संभालने को लेकर क्या उन्हें कोई शिकायत है?

नगालैंड

नगालैंड से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि नगालैंड स्कूल शिक्षा बोर्ड (एनबीएसई) ने 10वीं और 12वीं कक्षा नतीजे घोषित कर दिए। एनबीएसई द्वारा 10वीं कक्षा के लिए 'हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट' (एचएसएलसी) और 12वीं कक्षा के लिए 'हायर सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट' (एचएसएसएलसी) की परीक्षा मार्च में आयोजित की गई थी। शिक्षा बोर्ड की चेयरपर्सन असानो सेखोस ने बताया कि दोनों परीक्षाओं में कुल 40,446 विद्यार्थी पंजीकृत थे, जिसमें 24,361 विद्यार्थी 10वीं कक्षा और 16,085 छात्र 12वीं कक्षा के थे। उन्होंने बताया कि 10वीं की परीक्षा में 17,130 छात्र (70.32 फीसदी) सफल हुए। पिछले साल के उत्तीर्ण प्रतिशत (64.69 फीसदी) से यह 5.63 फीसदी अधिक है। सेखोस ने कहा कि कुल 17,130 सफल विद्यार्थियों में लड़कियों की संख्या 9,350 तथा लड़कों की संख्या 7,780 हैं।

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनाइक ने राज्य में सीमावर्ती इलाकों की व्यापक चौकसी और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय की जरूरत पर जोर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई एक बैठक के दौरान राज्यपाल ने सीमाओं की हिफाजत तथा सुरक्षा बलों और अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक रह रहे ग्रामीणों के समन्वित प्रयासों की जरूरत को रेखांकित किया। राजभवन ने एक बयान में कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्री को सीमा की पहरेदारी और राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) मुहैया करने की जरूरत से अवगत कराया। राज्यपाल ने दिबांग घाटी जिला स्थित अलीनये में अत्याधुनिक हवाई पट्टी फिर से शुरू करने और पश्चिम कामेंग के दिरांग में एक अन्य का निर्माण किये जाने पर भी जोर दिया।

इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि एक छोटा-सा लाल पांडा प्रदेश के तवांग में देखा गया है, जो ‘इंटरनेशनल यूनियन फोर कंजर्वेशन ऑफ नेचर’ की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध है। संभवत: यह पहली बार है जब पूर्वोत्तर राज्य के सीमावर्ती जिले में लाल पांडा देखा गया है। मुख्यमंत्री खांडू ने लाल पांडा का एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए कहा, ‘‘प्यारा और छोटा-सा लाल पांडा तवांग में देखा गया। लाल पांडा ‘इंटरनेशनल यूनियन फोर कंजर्वेशन ऑफ नेचर’ की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध है।’’

इसके अलावा, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-रिफॉर्मेशन (एनएससीएन-आर) के एक उग्रवादी को अरुणाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। चांगलांग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मिहिन गंबो ने बताया कि संगठन के स्वयंभू टाउन कमांडर 'कैप्टन' खिलपोंग जुगली (47) को एक संयुक्त अभियान के दौरान चांगलांग जिले के नदीपार इलाके से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 149वीं बटालियन की संयुक्त टीम ने ‘ओल्ड’ शलांग गांव के रहने वाले उग्रवादी को गिरफ्तार किया।

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