NRC उचित, बांग्लादेशियों से वापस लिये जाएं राशन कार्ड: विहिप
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का प्रारूप तैयार किये जाने को उचित दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए इसका स्वागत किया है और मांग की है कि अवैध रूप से देश में रह रहे बांग्लादेशियों को तत्काल देश से बाहर निकाला जाना चाहिए।
रांची। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का प्रारूप तैयार किये जाने को उचित दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए इसका स्वागत किया है और मांग की है कि अवैध रूप से देश में रह रहे बांग्लादेशियों को तत्काल देश से बाहर निकाला जाना चाहिए। विहिप के धर्म प्रसार प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री जुगल किशोर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने मांग की कि भारत के असम में अवैध रूप से रह रहे सभी चालीस लाख बांग्लादेशियों को अविलंब देश से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनका राशनकार्ड और मतदान का अधिकार भी वापस ले लिया जाना चाहिए इससे वे स्वतः अपने देश लौट जायेंगे।किशोर ने आरोप लगाया कि अवैध रूप से देश में रह रहे दूसरे देश के नागरिक अनेक प्रकार के अपराधों में शामिल होते हैं और देश के संसाधनों पर बोझ बन जाते हैं इसलिए ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें तत्काल देश से बाहर निकाला जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष की हाय तौबा को गलत बताया और कहा कि देश हित के मुद्दों पर सभी दलों में एकमत होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मेरा यह कहना कतई नहीं है कि अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों की पिटाई की जाये लेकिन बांग्लादेश को स्वतः अपने नागरिकों को वापस ले लेना चाहिए।’ उन्होंने विपक्ष के आरोपों को नावाजिब बताते हुए कहा कि वास्तव में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाने का काम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय प्रारंभ करने की बात हुई थी लेकिन पूर्व की सरकारें हीलाहवाली करती रहीं और भाजपा सरकार ने इसे गति से पूरा किया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस संबन्ध में देश में विप्लव होने के बयान पर किशोर ने कुछ कहने से इनकार कर दिया और कहा कि उनके बयान का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने देश में गौ हत्या पूरी तरह बंद करने की वकालत की और कहा कि जब देश की अस्सी प्रतिशत जनता गाय को अपनी माता मानती है तो क्या उनकी भावना का आदर नहीं होना चाहिए।
जुगल किशोर ने ईसाई संस्थाओं में हाल में हुई बच्चा बेचने की घटना और खूंटी में पांच आदिवासी लड़कियों के साथ बलात्कार की घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि देश के अनेक हिस्सों में हाल में हुई घटनाओं के मद्देनजर ईसाई मिशनरियों को अपने कार्यों की समीक्षा करनी चाहिए। पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले को उन्होंने गलत बताया लेकिन देश में नक्सलवाद को बढ़ावा देने के उनके कार्यों की कड़ी निंदा की।
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