एनएसयूआई ने छात्रवृत्ति हेतु छात्र छात्राओं के लिए लांच किया गूगल फॉर्म
कोरोना वायरस के दौरान हमारे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद छात्र-छात्राओं का एकमात्र सहारा छात्रवृत्ति है। जो अब तक छात्रों के खाते में नहीं पहुंची है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश प्रभारी नितेश गौड़ ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान हमारे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद छात्र-छात्राओं का एकमात्र सहारा छात्रवृत्ति है। जो अब तक छात्रों के खाते में नहीं पहुंची है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
दरअसल भोपाल में एनएसयूआई द्वारा पूरे प्रदेश की छात्र-छात्राओं की समस्या को ध्यान में रखते हुए एक गूगल फॉर्म लांच किया गया है। जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा अपनी छात्रवृत्ति का पूर्ण विवरण दिया जाएगा। इस मुहिम के अंतर्गत एनएसयूआई छात्रवृत्ति से त्रस्त प्रत्येक छात्र छात्राओं के मध्य जाकर उनकी समस्याओं को सुनेगी। अगर सरकार द्वारा छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं पहुंची तब एनएसयूआई सरकार के खिलाफ धरना देगी।
बता दें कि नीतीश गौड़ ने छात्रों के खाते में प्रदेश सरकार से छात्रवृत्ति की राशि डालने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले 2 वर्षों से कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा प्रदेश प्रभावित है जिस कारण अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के खाते में नहीं आई तो वह सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन भी कर सकते हैं।
वहीं नीतीश गौर ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रावासों में भारी अनियमितताएं देखी जा रही है। और यहां पर जो छात्र को बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए वह भी उपलब्ध नहीं है। प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा बार-बार इन वर्गों के छात्र एवं छात्राओं के उच्च अध्ययन के लिए सरकार द्वारा फीस मांगी जा रही है।
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